हाइपोथाइरॉइडिज़्म

इनके द्वाराThe Manual's Editorial Staff
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया जून २०२४

थायरॉइड आपकी एक ग्लैंड है जो कंठ के नीचे आपकी गर्दन में होती है।

आपका थायरॉइड, थायरॉइड हार्मोन स्त्रावित करता है। हार्मोन आपके शरीर के रासायनिक क्रिया-कलापों की तीव्रता को नियंत्रित करता है (मेटाबोलिक दर)। आपके शरीर की हर कोशिका को थायरॉइड हार्मोन की ज़रूरत होती है। थायरॉइड हार्मोन और किन चीज़ों को नियंत्रित करने में मदद करता है:

  • आप कितनी तेज़ी-से कैलोरी बर्न करते हैं

  • आपका दिल कितनी तेज़ी-से धड़कता है

  • आपके शरीर का तापमान

थायरॉइड हार्मोन को बनाने के लिए आपके थायरॉइड ग्लैंड को आयोडीन की ज़रूरत पड़ती है। आपको बहुत थोड़ी मात्रा में आयोडीन की ज़रूरत होती है। लेकिन अगर आपकी थायरॉइड ग्लैंड को ऑयोडीन नहीं मिलता है, तो उसमें पर्याप्त हार्मोन नहीं बनेगा।

थायरॉइड ग्रंथि का पता लगाना

हाइपोथायरॉइडिज़्म क्या है?

जब आपका थायरॉइड पर्याप्त थायरॉइड हार्मोन नहीं बनाता तब हाइपोथायरॉइडिज़्म होता है।

  • हाइपोथायरॉइडिज़्म आम बात है, खासकर ज़्यादा उम्र वाली महिलाओं में

  • हाशिमोटो थायरॉइडाइटिस नामक बीमारी इसका बहुत सामान्य कारण है

  • आपको थकान, आलस्य और ठंड महसूस हो सकती है

  • हाइपोथायरॉइडिज़्म आम तौर पर धीरे-धीरे विकसित होता है

  • ब्लड टेस्ट से तय हो जाता है कि आपको हाइपोथायरॉइडिज़्म है

  • आपको बाकी जीवन में थायरॉइड हार्मोन गोलियों की ज़रूरत पड़ सकती है

हाइपोथायरॉइडिज़्म किन कारणों से होता है?

हाइपोथायरॉइडिज़्म के कारणों में निम्न शामिल हैं:

  • हाशिमोटो थाइरॉइडाइटिस

  • थायरॉइड को हटाने या रोकने के लिए सर्जरी या रेडिएशन थेरेपी

  • आयोडीन की कमी

  • पिट्यूटरी ग्लैंड की समस्याएं

हाशिमोटो थायरॉइडाइटिस में आपके शरीर का इम्यून सिस्टम गलत ढंग से आपके थायरॉइड पर हमला करता है। इस तरह की बीमारी को ऑटोइम्यून बीमारी कहते हैं।

विकसित देशों में ऑयोडीन की कमी की बात कम ही देखने को मिलती है। ज़्यादातर देशों में ऑयोडीन को नमक में डाल देते हैं जिससे वह सबको पर्याप्त ढंग से मिल जाता है। सीफ़ूड में भी ऑयोडीन होता है। कुछ गरीब देशों में जहां समुद्र नहीं है वहां पर्याप्त ऑयोडीन न मिल पाने का संकट बना रहता है।

आपके दिमाग की पिट्यूटरी ग्लैंड TSH नामक हार्मोन बनाती है जो आपके थायरॉइड को थायरॉइड हार्मोन बनाने का संकेत देती है। अगर आपको पिट्यूटरी ग्लैंड की समस्या है, तो TSH बनना संभव नहीं होता और आपको हाइपोथायरॉइडिज़्म हो सकता है।

हाइपोथायरॉइडिज़्म किसे हो सकता है?

हाइपोथायरॉइडिज़्म किसी को भी सकता है, लेकिन वयोवृद्ध वयस्कों में यह अधिक आम है। कभी-कभी हाइपोथायरॉइडिज़्म निम्न को हो सकता है:

  • नवजात शिशुओं में

  • प्रेग्नेंसी या प्रेग्नेंसी के बाद महिलाओं को

  • जिन लोगों को रूमैटॉइड अर्थराइटिस जैसी ऑटोइम्यून बीमारियां हों

हाइपोथायरॉइडिज़्म के क्या लक्षण होते हैं?

पर्याप्त थायरॉइड हार्मोन न बनने से आपकी शारीरिक गतिविधियां धीमी पड़ सकती हैं, जिससे आपका रूपरंग, आवाज़ या अहसास प्रभावित हो सकते हैं।

आपके रूपरंग और आवाज़ को प्रभावित करने वाले लक्षणों में निम्न शामिल हो सकते हैं:

  • चेहरे और आँखों में सूजन और झुकी हुईं पुतलियां

  • बालों का पतला, रूखा होना

  • रूखी, सूखी, पपड़ीवाली, मोटी त्वचा

  • आवाज़ में खराश और आवाज़ का धीमा होना

आपके महसूस करने के तरीके को प्रभावित करने वाले लक्षणों में शामिल हैं:

  • कब्ज़

  • आसानी से ठंड लगना

  • हाथों में कंपकंपी या सुन्न पड़ना

  • ह्रदय गति का धीमा पड़ना

  • भ्रम, भूलना और डिप्रेशन

इलाज न होने पर हाइपोथायरॉइडिज़्म से हो सकता है:

वयोवृद्ध वयस्कों में भ्रम और भूलने के लक्षणों को गलती से अल्जाइमर बीमारी या कुछ अलग तरह का डिमेंशिया माना जा सकता है।

डॉक्टर कैसे बता सकते हैं कि मुझे हाइपोथायरॉइडिज़्म है या नहीं?

डॉक्टर ये करेंगे:

डॉक्टर, हाइपोथायरॉइडिज़्म का इलाज कैसे करते हैं?

डॉक्टर हाइपोथायरॉइडिज़्म का इलाज करते हैं:

  • थायरॉइड हार्मोन की गोलियों से

जब आप गोली लेना शुरू करते हैं, तो डॉक्टर धीरे-धीरे खुराक को आपके TSH के स्तर के आधार पर देने लगते हैं। अगर दवाइयां थायरॉइड हार्मोन से मेल खाने में अवरोध पैदा करती हैं, तो आप डॉक्टर से ज़रूर बात कर लें। इस तरह की दवाइयों में आयरन, कैल्शियम और कुछ एंटासिड होते हैं।

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