स्पाइनल कॉर्ड पर दबाव

इनके द्वाराThe Manual's Editorial Staff
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया सित॰ २०२३

स्पाइनल कॉर्ड आपके दिमाग से स्पाइन के अंदर जाने वाली तंत्रिकाओं का एक मोटा बंडल होती है। स्पाइनल कॉर्ड इलेक्ट्रिक केबल की तरह होती है, जो आपके दिमाग से शरीर और शरीर से दिमाग में सिग्नल पहुंचाती है।

  • दिमाग से भेजे गए सिग्नल आपके शरीर को बताते हैं कि क्या करना है, जैसे आपकी हाथों या पैरों को हिलाना

  • दिमाग को भेजे गए सिग्नल आपके शरीर से जानकारी को ले जाते हैं जैसे कि आप किस चीज़ को छूते हैं या जहाँ भी दर्द होता है

स्पाइनल कॉर्ड काफ़ी नाज़ुक होती है। यह स्पाइन की हड्डियों (वर्टीब्रा) के अंदर एक सुरंग में सुरक्षित होती है। इस सुरंग को स्पाइनल कैनाल कहते हैं।

स्पाइनल तंत्रिकाएं मध्यम आकार की तंत्रिकाएं होती है, जो आपकी स्पाइनल कॉर्ड को छोटी तंत्रिकाओं से जोड़ती हैं, ये छोटी तंत्रिकाएं आपके शरीर के कई हिस्सों तक जाती हैं।

रीढ़ किस प्रकार संगठित होती है

रीढ़ (स्पाइनल कॉलम) की रचना वर्टीब्रा नामक हड्डियों का एक स्तंभ करता है। वर्टीब्रा स्पाइनल कॉर्ड की सुरक्षा करती हैं, जो स्पाइनल कैनाल में निहित एक लंबी, कमज़ोर संरचना होती है, जो रीढ़ के बीच से होकर गुज़रती है। वर्टीब्रा के बीच में कार्टिलेज से बनी डिस्क होती हैं, जो रीढ़ को सहारा देती हैं और उसे कुछ लचीलापन देती हैं।

स्पाइनल तंत्रिकाएं: वर्टीब्रा के बीच स्पाइनल कॉर्ड से निकली 31 जोड़ी स्पाइनल तंत्रिकाएं होती हैं। हर तंत्रिका दो छोटी शाखाओं (जड़ों) में निकलती है।

मोटर रूट दिमाग और स्पाइनल कॉर्ड के निर्देशों को शरीर के दूसरे हिस्सों तक ले जाते हैं, विशेष रूप से स्केलेटल मांसपेशियों तक।

सेंसरी रूट दिमाग तक शरीर के दूसरे हिस्सों की जानकारी को लाते हैं।

कॉडा इक्विना: स्पाइनल कॉर्ड रीढ़ में नीचे जाने के मार्ग में लगभग तीन चौथाई की लंबाई पर समाप्त होती है, लेकिन तंत्रिकाओं का एक बंडल स्पाइनल कॉर्ड से आगे तक जाता है। इस बंडल को कॉडा इक्विना कहते हैं क्योंकि वह एक घोड़े की पूँछ से मिलता-जुलता लगता है। कॉडा इक्विना तंत्रिकाओं के संवेगों को पैरों तक लाता ले जाता है।

स्पाइनल कॉर्ड पर दबाव क्या होता है?

स्पाइनल कॉर्ड पर दबाव तब आता है, जब स्पाइनल कॉर्ड के ऊपर कोई चीज़ आने से वह दब जाती है:

  • जिस हिस्से पर दबाव आता है वह ठीक से काम नहीं करता

  • अगर दबाव बहुत देर तक रहता है, तो यह आपके स्पाइनल कॉर्ड को स्थायी नुकसान पहुंचा सकता है

  • दबाव से प्रभावित हिस्से के नीचे वाली तंत्रिका के सिग्नल पर असर पड़ता है

  • इसके लक्षणों में कमर में दर्द, सूनापन, मांसपेशियों में कमजोरी या यूरिन या मल को नियंत्रित न कर पाना

  • कभी-कभी, ये लक्षण आपके शरीर के एक हिस्से में ही होते हैं

  • डॉक्टर MRI (मैग्नेटिक रीसोनेंस इमेजिंग) या दूसरे इमेजिंग टेस्ट करते हैं

  • कॉर्टिकोस्टेरॉइड दवा से कभी-कभी दबाव वाली सूजन कम हो जाती है

  • आपको दबाव से आराम पाने के लिए सर्जरी या रेडिएशन थेरेपी कराने की ज़रूरत पड़ सकती है

स्पाइनल कॉर्ड के दबाव की वजह क्या होती है?

स्पाइनल कॉर्ड की सबसे आम वजहों में ये शामिल हैं:

आपके स्पाइन में मौजूद डिस्क गोल, सपाट सामग्री के पैड होते हैं। ये आपकी स्पाइन की हड्डियों के बीच आघात अवशोषक की तरह काम करते हैं। कभी-कभी एक डिस्क खुल जाती है और अंदर की नरम सामग्री बाहर निकल जाती है (हर्नियेट्स)। यह सामग्री आपकी स्पाइनल कॉर्ड या आपकी किसी स्पाइनल तंत्रिका को दबाती है।

इसके कम मिलने वाले कारणों में ये शामिल हैं:

  • हेमाटोमा (किसी चोट या बीमारी की वजह से ब्लड इकट्ठा होना)

  • ऐब्सेस (किसी इंफ़ेक्शन की वजह से पस इकट्ठा होना)

स्पाइनल कॉर्ड के दबने के क्या लक्षण होते हैं?

इसके मुख्य लक्षणों में ये शामिल हैं:

  • आपकी रीढ़ में दर्द

  • मांसपेशियों में कमजोरी या लकवा

  • संवेदना खो जाना (दर्द या किसी के छूने से महसूस न होना)

  • यूरिन और मल नियंत्रित न कर पाना

आपके शरीर के जो हिस्से प्रभावित होते हैं वह इस पर निर्भर करते हैं कि स्पाइनल कॉर्ड में किस जगह पर चोट लगी है। उदाहरण के लिए:

  • लेकिन यदि स्पाइनल कॉर्ड पर दबाव आपकी गर्दन में है, तो आपकी दोनों बाहें और पैर प्रभावित हो सकते हैं

  • आपकी गर्दन में ज़्यादा दबाव की वजह से आपके सांस लेने की क्षमता पर प्रभाव पड़ सकता है

  • इससे नीचे के हिस्से में दबाव होने से आपके पैरों पर प्रभाव पड़ सकता है और आपके हाथ ठीक रहते हैं

दबाव के किसी भी स्तर में, हो सकता है कि आप यूरिन और मल को नियंत्रित न कर पाएं।

अगर कॉर्ड के एक तरफ़ दबाव पड़ता है, तो आपके शरीर के एक तरफ़ ही प्रभाव पड़ता है।

आपके लक्षणों की गंभीरता, दबाव की गंभीरता पर निर्भर करती है।

स्पाइनल कॉर्ड में हल्के दबाव से सिर्फ़ ये समस्याएं हो सकती हैं:

  • मांसपेशियों में मामूली कमजोरी

  • गुदगुदी

ज़्यादा दबाव से ये समस्याएं हो सकती हैं:

  • मांसपेशियों में गंभीर कमजोरी या पूरी तरह लकवा

  • संवेदनशीलता का पूरी तरह खोना (दर्द या किसी के छूने से महसूस न होना)

  • अपने यूरिन और मल का नियंत्रण खोना

अगर आपको कैंसर है और कमर में नए दर्द या तंत्रिका के लक्षण हैं, तो इसे मेडिकल इमरजेंसी माना जाता है। डॉक्टर को यह पुष्टि करने की ज़रूरत होती है कि कहीं आपकी स्पाइनल कॉर्ड में कैंसर की वजह से तो दबाव नहीं पड़ रहा।

डॉक्टर को कैसे पता चलता है कि मेरी स्पाइनल कॉर्ड में दबाव आया है?

अगर आपको शरीर में किसी खास जगह पर कमजोरी हो या संवेदना खो जाए, तो डॉक्टर को स्पाइनल कॉर्ड में दबाव का संदेह होता है।

डॉक्टर फिर टेस्ट करते हैं, जैसे कि:

डॉक्टर स्पाइनल कॉर्ड में दबाव का इलाज कैसे करते हैं?

स्पाइनल कॉर्ड में दबाव आना एक मेडिकल इमरजेंसी है जिसका तुरंत इलाज करने की ज़रूरत होती है, ताकि स्थायी क्षति न हो।

इसका इलाज इसकी वजह पर निर्भर करता है और उसमें ये शामिल हो सकते हैं:

  • सर्जरी

  • कॉर्टिकोस्टेरॉइड दवाएँ

  • विकिरण चिकित्सा

  • एंटीबायोटिक्स

  • हेमाटोमा या गांठ को निकालना

लेकिन जल्दी इलाज करने से भी यह पक्का नहीं होता कि आपके सभी लक्षण ठीक हो जाएंगे।

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