शरीर के अंदरूनी हिस्से का असामान्य रुप से बढ़ना ट्यूमर कहलाता है, फिर चाहे वह बिना कैंसर वाला (मामूली) हो या कैंसर से प्रभावित (हानिकारक) हो। शरीर के अनेक हिस्सों में, बिना कैंसर वाला ट्यूमर कुछ या कोई समस्या पैदा नहीं करता। हालांकि, यदि दिमाग (दिमाग के ट्यूमर) या स्पाइनल कॉर्ड में (स्पाइनल ट्यूमर) बढ़ोतरी हो रही है या मांस बढ़ता जा रहा है, इसके काफी अधिक नुकसान हो सकते हैं, क्योंकि वे संरचनाएं जिनमें दिमाग (खोपड़ी) तथा स्पाइनल कॉर्ड (रीढ़ की हड्डी) स्थित होते हैं, उनका विस्तारण नहीं हो सकता और उस बढ़ोतरी या मांस के लिए जगह बनाने की संभावना नहीं होती।
ट्यूमर, फिर चाहे कैंसर से प्रभावित हों या नहीं, उनकी बढ़ोतरी दिमाग या स्पाइनल कॉर्ड में तंत्रिका ऊतक से हो सकती है। कैंसर से प्रभावित ट्यूमर का विस्तार (मेटास्टेसाइज़) शरीर में किसी अन्य अंग से दिमाग या स्पाइनल कॉर्ड में हो सकता है।
कभी-कभी शरीर में कहीं ओर कैंसर तंत्रिका तंत्र गड़बड़ी का कारण बन जाते हैं, हालांकि इस बात का कोई साक्ष्य नहीं होता कि तंत्रिका ऊतक में कोई खराबी आई है। इन समस्याओं को पैरानियोप्लास्टिक सिंड्रोम कहा जाता है। सबसे आम किस्म के पैरानियोप्लास्टिक सिंड्रोम में परीधीय तंत्रिकाओं (पोलीन्यूरोपैथी) की गड़बड़ियां शामिल होती हैं और इसकी वजह से मांसपेशी की कमजोरी, सुन्नता तथा झनझनाहट होती है। लेकिन अधिक गंभीर पैरानियोप्लास्टिक सिंड्रोम के कारण डिमेंशिया, मनोदशा में बदलाव, साइकोसिस (जिसमें भ्रम, तथा अजीबो-ग़रीब व्यवहार शामिल हो सकता है), सीज़र्स, असमन्वय, चक्कर आना, दोहरी नज़र तथा आंखों का असामान्य संचलन हो सकता है। जब ट्यूमर स्थिर होता है, तब भी ये लक्षण जानलेवा हो सकते हैं। इस प्रकार के मामलों में, उपचार में रक्त में से उन एंटीबॉडीज को हटाना शामिल होता है, जिनके कारण पैरानियोप्लास्टिक सिंड्रोम हो सकता है (एक प्रक्रिया जिसे प्लाज़्माफ़ेरेसिस कहा जाता है)। हालांकि, सबसे ज़्यादा प्रभावी उपचार ट्यूमर को हटाना होता है।
तंत्रिका तंत्र के ट्यूमर का उपचार सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी, कीमोथेरेपी या अक्सर इनके संयोजन से किया जा सकता है। रेडिएशन थेरेपी के कारण कभी-कभी तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुँच सकता है, हालांकि इस प्रभाव की रोकथाम करने के लिए सबसे बेहतर कोशिशें की जाती हैं। कीमोथेरेपी दिमाग के काम करने के तरीके को प्रभावित कर सकती है, इसलिए डॉक्टर कीमोथेरेपी दवाएँ सावधानी से चुनते हैं, ताकि अनावश्यक नुकसान से बचा जा सके।