पसीने के विकारों का परिचय

इनके द्वाराShinjita Das, MD MPH, Massachusetts General Hospital
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया मार्च २०२४

    पसीना त्वचा में मौजूद पसीना पैदा करने वाली ग्रंथियों में बनता है और वाहिनियों से होकर त्वचा की सतह तक आता है।

    त्वचा के नीचे तक जाना

    त्वचा की 3 परतें होती हैं। त्वचा की सतह के नीचे नसें, तंत्रिका के सिरे, ग्रंथियां, बालों के रोम और रक्त वाहिकाएं होती हैं। पसीना डर्मिस में ग्रंथियों द्वारा बनता है और छोटी नलिकाओं से त्वचा की सतह तक पहुंचता है।

    जब पसीना त्वचा को गीला करके वाष्पीकृत होता है, तो वह शरीर को ठंडक देता हुआ जाता है। इसलिए, गर्मी होने पर लोगों को आम तौर पर अधिक पसीना आता है। जब लोग घबराए हुए, तनावग्रस्त या बुखार से ग्रस्त होते हैं, तब भी उन्हें पसीना आता है।

    पसीने का अधिकांश भाग पानी होता है, लेकिन इसमें लवण (ज़्यादातर सोडियम क्लोराइड) और अन्य रसायन भी होते हैं। जब किसी व्यक्ति को बहुत अधिक पसीना आता है, तो इसमें बहे लवणों और पानी की भरपाई ज़रूरी हो जाती है।

    पसीने से जुड़े विशिष्ट विकारों में ये शामिल हैं