एक्टिनिक केरटोज़

इनके द्वाराJulia Benedetti, MD, Harvard Medical School
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया अक्तू॰ २०२३ | संशोधित नव॰ २०२३

एक्टिनिक केरटोज़ (सोलर केरटोज़) लंबे समय तक धूप से संपर्क के कारण त्वचा में होने वाली कैंसर-पूर्व वृद्धियां हैं।

  • कई वर्षों तक धूप के संपर्क से त्वचा पर एक्टिनिक केरटोज़ हो सकते हैं।

  • एक्टिनिक केरटोज़ खुरदरे और पपड़ीदार होते हैं और अलग-अलग रंगों में होते हैं।

  • निदान आम तौर पर डॉक्टर द्वारा मूल्यांकन के आधार पर होती है।

  • इन वृद्धियों को भौतिक विधियों से या त्वचा पर लगाए जाने वाले विभिन्न इलाजों से हटाया जा सकता है।

(धूप और त्वचा को नुकसान का संक्षिप्त विवरण भी देखे।)

एक्टिनिक केरटोज़ बहुत आम हैं। आयु बढ़ने के साथ-साथ लोगों में इनके होने की संभावना बढ़ जाती है। एक्टिनिक केरटोज़ बढ़कर स्क्वेमस सेल कार्सिनोमा का रूप ले सकते हैं, जो एक प्रकार का त्वचा कैंसर है। जो वृद्धियां बढ़कर स्क्वेमस सेल कार्सिनोमा का रूप नहीं लेतीं वे ठीक हो जाती हैं या एक्टिनिक केरटोज़ के रूप में बनी रहती हैं। ठीक हो जाने वाली वृद्धियां दोबारा हो सकती हैं।

कई वर्षों तक धूप के संपर्क के साथ-साथ, एक्टिनिक केरटोज़ के कुछ अन्य जोखिम कारक भी हैं, जैसे अधिक आयु, कमज़ोर प्रतिरक्षा तंत्र, ब्लॉन्ड (सुनहरे-कत्थई) या लाल बाल, नीली आंखें और त्वचा का प्रकार I या II (फ़िट्ज़पैट्रिक त्वचा प्रकार वर्गीकरण तालिका देखे)।

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एक्टिनिक केरटोज़ के लक्षण

एक्टिनिक केरटोज़ आम तौर पर गुलाबी, लाल या कम मामलों में, स्लेटी या कत्थई होते हैं। वे छूने में खुरदरे और पपड़ीदार महसूस होते हैं।

ये वृद्धियां अक्सर धूप के संपर्क में आने वाले स्थानों में होती हैं (जैसे, होठ, सिर की गंजी त्वचा, चेहरा, गर्दन या हथेलियों का और बांहों के अगले भाग की पिछली सतह)।

खोपड़ी पर एक्टिनिक केरटोसिस
विवरण छुपाओ
इस फोटो में एक अनियमित लाल चकत्ता और साथ मौजूद पीली-कत्थई पपड़ी देखी जा सकती है।
डॉ. पी. मराज़ी/SCIENCE PHOTO LIBRARY

एक्टिनिक केरटोज़ का निदान

  • डॉक्टर की जांच

डॉक्टर एक्टिनिक केरटोज़ को देखकर और छूकर उनका निदान करते हैं। एक्टिनिक केरटोज़ की खुरदरी सतही बनावट के कारण इन्हें देखने की बजाए महसूस करना अक्सर अधिक आसान होता है। डॉक्टर इन्हें सेबोरीएक केरटोज़ से भी अलग पहचान सकते हैं, जो देखने में एक्टिनिक केरटोज़ जैसे हो सकते हैं।

एक्टिनिक केरटोज़ का इलाज

  • भौतिक विधि से हटाना या त्वचा पर लगाए जाने वाले उत्पाद

लोगों को धूप के नुकसानदायक प्रभावों को न्यूनतम करने की सावधानियां बरतनी चाहिए (सनबर्न (धूप से झुलसने) की रोकथाम देखे)। पहले ही हो चुके नुकसान की भरपाई कठिन है।

एक्टिनिक केरटोज़ का इलाज इस आधार पर किया जाता है कि वृद्धियों की संख्या कितनी है, वे कहां-कहां स्थित हैं और लोग किस थेरेपी को सहन कर सकते हैं।

अगर किसी व्यक्ति में बस कुछ ही वृद्धियां हैं या वह अन्य इलाज विधियों को सहन नहीं कर सकता है, तो डॉक्टर आम तौर पर उन्हें लिक्विड नाइट्रोजन से जमाकर (क्रायोथेरेपी) निकाल देते हैं या उन्हें खुरचकर (क्यूरेटिंग) हटा देते हैं। ये इलाज विकल्प सबसे कम समय लेते हैं, लेकिन अन्य इलाज विकल्पों की तुलना में इनसे निशान छूट जाने का जोखिम अधिक होता है।

अगर किसी व्यक्ति में कई वृद्धियां हैं, तो डॉक्टर लोगों को क्रीम, जैल या मलहम देते हैं जो वे अपनी त्वचा पर लगा सकते हैं (शीर्ष रूप से)। इसके इलाज के लिए आम तौर पर फ़्लूरोयूरेसिल (त्वचा पर लगाई जाने वाली एक कीमोथेरेपी दवाई) वाले लिक्विड या क्रीम का उपयोग किया जाता है। अक्सर, ऐसे इलाज के दौरान, त्वचा अस्थायी तौर पर और बदतर दिखने लगती है, क्योंकि फ़्लूरोयूरेसिल से केरटोज़ में और आस-पास की धूप-से-क्षतिग्रस्त त्वचा में लालिमा, पपड़ियाँ और जलन होती है।

इमिक्विमोड दवा एक्टिनिक केरेटोज़ के इलाज में उपयोगी होती है, क्योंकि यह प्रतिरक्षा तंत्र को त्वचा की कैंसर-पूर्व वृद्धियों और शुरुआती स्किन कैंसर को पहचान कर नष्ट करने में मदद करती है। इमिक्विमोड क्रीम त्वचा पर लगाई जाती है। इमिक्विमोड से लालिमा, पपड़ी पड़ना और जलन होती है, जैसा कि फ़्लूरोयूरेसिल के कारण होता है।

डाइक्लोफ़ेनैक जैल एक बिना स्टेरॉइड वाली एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग (NSAID) है जिसे त्वचा पर 2 से 3 महीने के लिए लगाया जाता है। यह हल्के से मध्यम गंभीर त्वचा की समस्याओं जैसे दाने, लालिमा, खुजली, शुष्क त्वचा और त्वचा में उत्तेजना पैदा कर सकता है। यह फ़्लूरोयूरेसिल और इमिक्विमोड से कम प्रभावी है।

टिरबानिब्यूलिन एक नई दवाई है, जो तेज़ी से बढ़ने वाली असामान्य कोशिकाओं को मारने का काम करती है। फ़िलहाल इसके ऑइंटमेंट को चेहरे या सिर की त्वचा पर 5 दिनों तक लगाने की सलाह दी जाती है। इसे और लंबे समय तक लगाना ज़रूरी हो सकता है, क्योंकि इस इलाज के बाद केरटोज़ का दोबारा होना आम है। टिरबानिब्यूलिन लगाने के स्थान पर खुजली और दर्द हो सकते हैं।

एक अन्य इलाज फोटोडायनमिक थेरेपी है जिसमें त्वचा पर एक रासायनिक उत्पाद लगाकर वृद्धियों पर कृत्रिम प्रकाश डाला जाता है। इस थेरेपी से सनबर्न जैसा स्वरूप बनता है। फोटोडायनमिक थेरेपी का मुख्य लाभ यह है कि इसमें त्वचा की लालिमा, पपड़ियाँ बनना और दर्द व खुजली कुल मिलाकर आम तौर पर कम दिन तक रहते हैं। लोगों को एक से अधिक बार इलाज करवाना पड़ सकता है।

अगर व्यक्ति को इनमें से किसी भी इलाज से लाभ नहीं होता है, तो डॉक्टर स्क्वेमस सेल कार्सिनोमा की संभावना को खारिज करने के लिए बायोप्सी कर सकते हैं।

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