बच्चे के गर्भ में होने के दौरान उसकी आंतों में मेकोनियम नाम का मैटीरियल होता है (अजन्मे बच्चे को भ्रूण कहते हैं)। हालांकि भ्रूण खाना नहीं खाते, लेकिन यह जिस एम्नियोटिक फ़्लूड में तैर रहा होता है उसे निगलता है। यह भ्रूण की आंतों में एक चिपचिपा, गहरा हरा पदार्थ बनाता है।
एस्पिरेशन तब होती है जब आपके सांस लेने के साथ कुछ मैटीरियल आपके फेफड़ों में चला जाता है।
मैकोनियम एस्पिरेशन सिंड्रोम क्या होता है?
अगर जन्म के ठीक पहले भ्रूण को तनाव हो जाए, तो भ्रूण एम्नोइटिक फ़्लूड में मैकोनियम का मल कर सकता है। जब भ्रूण मैकोनियम से भरा हुआ एम्नोइटिक फ़्लूड निगल लेता है, तो मैकोनियम एस्पिरेशन सिंड्रोम हो जाता है।
एम्नोइटिक फ़्लूड निगलना खतरनाक नहीं होता है। लेकिन अगर उस फ़्लूड में मैकोनियम हो, तो मैकोनियम से आपके बच्चे के वायुमार्ग में ब्लॉकेज और फेफड़ों में परेशानी हो सकती है।
बच्चों को सांस लेने में समस्या होती है
वे जल्दी-जल्दी सांस लेते हैं, सांस छोड़ने पर गुर्राने की आवाज़ आती है और त्वचा का रंग नीला हो जाता है
डॉक्टर को वायुमार्गों में सांस लेने वाली ट्यूब डालनी पड़ सकती है और आपके बच्चे को वेंटिलेटर पर डालने की ज़रूरत भी पड़ सकती है
ज़्यादातर बच्चे बच तो जाते हैं, लेकिन उन्हें बाद में अस्थमा होने की संभावना ज़्यादा रहती है
मैकोनियम एस्पिरेशन सिंड्रोम के लक्षण क्या होते हैं?
इन लक्षणों में ये शामिल होते हैं:
तेज़ सांस लेना
ऐसा लगना कि बच्चे को सांस लेने में मुश्किल हो रही है
सांस छोड़ने पर गुर्राने की आवाज़ आना
ऑक्सीजन के लेवल कम होने से त्वचा का रंग नीला पड़ना
डॉक्टर को कैसे पता चलता है कि मेरे बच्चे को मैकोनियम एस्पिरेशन सिंड्रोम है?
डॉक्टर को मैकोनियम एस्पिरेशन सिंड्रोम का अंदाज़ा होता है अगर बच्चे के जन्म के समय एम्नोइटिक फ़्लूड में मैकोनियम पाया जाता है और बच्चे को सांस लेने में समस्या होती है। डॉक्टर निम्नलिखित भी करते हैं:
छाती का एक्स-रे
डॉक्टर मैकोनियम एस्पिरेशन सिंड्रोम का इलाज कैसे करते हैं?
डॉक्टर आपके बच्चे को ठीक करने के लिए ये करते हैं: