फ्रैक्चर (पूरा या अधूरा)
स्केलेटल सिस्टम 206 हड्डियों का बना होता है और यह शरीर को सहारा देता है, उसकी गतिविधियों के लिए ज़रूरी होता है और शरीर के आंतरिक अंगों को सुरक्षा देता है। कभी-कभी हड्डी पर बहुत अधिक दबाव लग जाता है, जिसके परिणामस्वरूप फ्रैक्चर हो जाता है। फ्रैक्चर आमतौर पर गिरने से, किसी वस्तु के टकराने से या हड्डी में मरोड़ आने या मुड़ने की वजह से होते हैं। जब हड्डी में सिर्फ़ दरार आती है या यह आंशिक रूप से टूट जाती है, तो डॉक्टर इसे अधूरा फ्रैक्चर कहते हैं।
हेयरलाइन फ्रैक्चर, क्रैक की तरह का ऐसा अधूरा फ्रैक्चर होता है, जिसमें हड्डी पूरी तरह से नहीं टूटती है। यह आमतौर पर तुलनात्मक रूप से मामूली चोट के परिणामस्वरूप होता है। ग्रीनस्टिक फ्रैक्चर ऐसा अधूरा फ्रैक्चर होता है, जो किसी पेड़ की हरी शाखा के टूटने के समान होता है। इसकी वजह से हड्डी का सिर्फ़ एक भाग ही मुड़ जाता है। हेयरलाइन और ग्रीनस्टिक, दोनों ही फ्रैक्चर का उपचार आमतौरपर स्थिर रखने की किसी चीज़ को लगाकर किया जाता है, ताकि उसे ठीक किया जा सके।
जब हड्डी, कुछ टुकड़ों में टूट जाती है, तो डॉक्टर इसे पूर्ण फ्रैक्चर कहते हैं। साधारण फ्रैक्चर ऐसा पूर्ण फ्रैक्चर होता है, जिसमें हड्डी, दो हिस्सों में टूट जाती है। ये टूटन निम्न हो सकती हैं
ट्रांसवर्स (जिसका मतलब है हड्डी के आरपार सीधा)
टेढ़ा मेढ़ा (जिसका मतलब है किसी कोण पर)
और स्पायरल (जिसका मतलब है, ऐसे कोण पर, जो कि मुड़ा हुआ हो)
(कमिन्युटेड या मल्टीफ़्रेगमेंटरी) फ्रैक्चर, ऐसा पूर्ण फ्रैक्चर होता है, जिसमें हड्डी, कई हिस्सों में टूट जाती है। इस प्रकार का फ्रैक्चर आमतौर पर गंभीर चोट के परिणामस्वरूप होता है। साधारण और कमिन्युटेड दोनों प्रकार के फ्रैक्चर का उपचार स्थिर रखने की चीज़ द्वारा या पिन स्क्रू और प्लेट द्वारा स्थिर रखकर किया जाता है।
सभी फ्रैक्चर्स को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। अगर आपको लगता है कि हड्डी टूट गई है, तो आपको तुरंत चिकित्सा लेनी चाहिए।