ऊंचे स्थानो पर जाने से जुड़ी पुरानी बीमारी क्या है?

ऊंचे स्थानो पर जाने से जुड़ी अधिकांश बीमारियां ऐसे लोगों को होती है, जो ऊंचे स्थानों पर तेज़ी से जाते हैं। लेकिन कुछ लोगों को ऊंचाई से संबंधित बीमारियां सिर्फ़ ऊंचे स्थानों पर लंबे समय तक रहने के बाद ही विकसित होती हैं।

ऊंचे स्थानो पर जाने से जुड़ी पुरानी बीमारी (मोंग रोग) वह बीमारी है, जो कुछ ऐसे लोगों में विकसित होती है, जो 10,000 फ़ीट (लगभग 3,000 मीटर) ऊंचे स्थानों पर कई महीनों या वर्षों तक रहते हैं। इसके लक्षणों में थकान, सांस लेने में परेशानी, दर्द होना और होठों व त्वचा (सायनोसिस) में नीलापन होना शामिल है। प्रभावित लोगों में, शरीर लाल रक्त कोशिकाएं अधिक संख्या में उत्पन्न करके ऑक्सीज़न की कमी को पूरा करता है। लाल रक्त कोशिकाओं की अतिरिक्त संख्या, रक्त को इतना गाढ़ा बना देती है, कि हृदय के लिए रक्त को पूरे शरीर के अंगों तक पंप करके ले जाना मुश्किल हो जाता है।

रक्त को समय-समय पर निकालना (फ़्लेबोटॉमी) से थोड़े समय के लिए राहत मिलती है, लेकिन सबसे प्रभावी उपचार, कम ऊंचाई वाले स्थानों पर उतर कर आने का है। कभी-कभी एसीटाज़ोलेमाइड से भी राहत मिलती है। इससे पूरी तरह उभरने में कई महीने लग सकते हैं। लोगों को कम ऊंचाई वाले स्थानों पर रहने की ज़रूरत होती है।

मोंगे रोग, एंडीज़ पर्वतों पर बहुत आम है, लेकिन यह कोलोराडो में ऊंचे स्थानों पर रहने वाले समुदायों में भी देखा गया है। दुनिया के दूसरे हिस्सों (उदाहरण के लिए, तिब्बत) में, कुछ ऐसे लोगों, जो निचले स्थानों से जाकर ऊंचे स्थानों पर बस गए हैं, में क्रोनिक ऊंचाई संबंधी रोग का दूसरा रूप विकसित होता है, जिसे फेफड़ों में हाई ब्लड प्रेशर और लाल रक्त कोशिकाओं के अत्यधिक उत्पादन के बिना हृदय के दाएं हिस्से के काम करने की क्षमता में कमी से चिह्नित किया जाता है।