डॉक्टर ब्लैडर और मूत्रमार्ग की कुछ विकारों (उदाहरण के लिए, ब्लैडर में ट्यूमर, ब्लैडर में पथरी या चिंताजनक मूत्र संबंधी लक्षण) का निदान एक लचीली-सी ट्यूब (सिस्टोस्कोप, एक प्रकार का एंडोस्कोप होता है) के माध्यम से देख के कर सकते हैं। एक सिस्टोस्कोप का व्यास लगभग एक पेंसिल के साइज़ का होता है और लगभग 6 से 12 इंच (15 से 30 सेंटीमीटर) का स्कोप मूत्रमार्ग और मूत्राशय में डाला जाता है। ज़्यादातर सिस्टोस्कोप में फ़ाइबर ऑप्टिक होते हैं और उनमें प्रकाश स्रोत और एक छोटा-सा कैमरा होता है, जिससे डॉक्टर मूत्राशय और मूत्रमार्ग के अंदरूनी हिस्से को देख सकते हैं। बहुत सारे सिस्टोस्कोप में ऐसे उपकरण भी होते हैं जिनकी मदद से डॉक्टर मूत्राशय के अस्तर का नमूना (बायोप्सी के लिए) ले सकते हैं।
सिस्टोस्कोपी तब की जा सकती है, जब व्यक्ति जगा हुआ हो और इससे बहुत ही मामूली-सी असुविधा होती है। इस प्रक्रिया से पहले आमतौर पर, डॉक्टर मूत्रमार्ग में एक एनेस्थेटिक जैल डालते हैं। इसकी संभावित जटिलताओं में मामूली ब्लीडिंग और संक्रमण शामिल होता है।
(किडनी और यूरिनरी ट्रैक्ट की बीमारियों का मूल्यांकन भी देखें।)