ट्रैकोमा

(इजिप्शियन ऑफ्थैल्मिया; ग्रैन्युलर कंजंक्टिवाइटिस)

इनके द्वाराZeba A. Syed, MD, Wills Eye Hospital
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया अप्रैल २०२३

ट्रैकोमा कंजंक्टाइवा का एक लंबा चलने वाला संक्रमण है जो क्लैमाइडिया ट्रैकोमाटिस नामक जीवाणु के कारण होता है।

  • क्लैमाइडिया ट्रैकोमाटिस आम तौर से कम विकसित, गर्म, शुष्क देशों में रहने वाले बच्चों की आँखों को संक्रमित कर सकता है।

  • आँख में लालिमा, पानी आना, जलन और अगर गंभीर है, तो निशान पड़ सकते हैं और नज़र जा सकती है।

  • एंटीबायोटिक कारगर हैं, लेकिन संक्रमण फिर से हो सकता है।

ट्रैकोमा क्लैमाइडिया ट्रैकोमाटिस के कुछ यौन रूप से संचरित न होने वाले प्रकारों से संक्रमण के कारण होता है। ट्रैकोमा उत्तरी अफ्रीका, मध्य पूर्व, भारतीय उपमहाद्वीप, ऑस्ट्रेलिया, और दक्षिणपूर्व एशिया के शुष्क गर्म देशों में आम है। अमेरिका में, ट्रैकोमा दुर्लभ है और यह कभी-कभी मूल अमेरिकियों में तथा उन क्षेत्रों के अप्रवासियों को होता है जहां ट्रैकोमा आम है। ट्रैकोमा दुनिया में अंधेपन का अग्रणी निवारण योग्य कारण है।

आँख के अंदर का दृश्य

यह रोग मुख्य रूप से बच्चों में होता है, विशेष रूप से 3 और 6 वर्ष के बीच की आयु वाले बच्चों में। बड़े बच्चों और वयस्कों में अधिक प्रतिरक्षा शक्ति और बेहतर व्यक्तिगत स्वच्छता के कारण यह विकार होने की बहुत कम संभावना होती है।

ट्रैकोमा आरंभिक चरणों में संक्रामक होता है और आँख से हाथ के संपर्क द्वारा, मक्खियों द्वारा, या संदूषित वस्तुओं, जैसे कि तौलियों, रुमालों, और आँख के मेकअप, को साझा करने के द्वारा संचरित हो सकता है।

ट्रैकोमा के लक्षण

ट्रैकोमा आम तौर से दोनों आँखों को प्रभावित करता है। कंजंक्टाइवा (पलक के अस्तर का निर्माण करने और आँख के सामने के भाग को ढकने वाली झिल्लियाँ) में शोथ और जलन हो सकती है, तथा आँखों से बहुत ज्यादा पानी निकल सकता है। पलकें सूज जाती हैं। तेज रोशनी के प्रति संवेदनशीलता होती है।

बाद के चरणों में, रक्त वाहिकाएं धीरे-धीरे कोर्निया के ऊपर उग सकती हैं (जिसे नीयोवैस्कुलराइजे़शन कहते हैं), जिससे दृष्टि अवरुद्ध हो सकती है। कुछ लोगों में, पलक पर इस तरह से निशान पड़ जाते हैं कि बरौनियाँ अंदर की ओर घूम जाती हैं (ट्राइकियासिस)। जब व्यक्ति पलक झपकता है, तो बरौनियाँ कोर्निया पर रगड़ खाती हैं, जिससे संक्रमण और कभी-कभी स्थायी क्षति हो सकती है। ट्रैकोमा वाले लगभग 5% लोगों में दृष्टि की कमजोरी या अंधापन होता है।

ट्रैकोमा का निदान

  • डॉक्टर द्वारा लक्षणों और आँख की दिखावट का मूल्यांकन

डॉक्टर ट्रैकोमा का संदेह आँखों की दिखावट और लक्षणों की अवधि के आधार पर करते हैं। ट्रैकोमा के निदान की पुष्टि आँखों का स्वैब लेकर और नमूने को प्रयोगशाला में भेजकर की जा सकती है जहां संक्रामक जीव की पहचान की जाती है, लेकिन ज़्यादातर इस तरह से जाँच करने की ज़रूरत नहीं पड़ती, क्योंकि इसके निदान से सब पता चल जाता है।

क्या आप जानते हैं...

  • ट्रैकोमा दुनिया में अंधेपन का अग्रणी निवारण योग्य कारण है।

ट्रैकोमा का उपचार

  • मुंह से लिए जाने वाले या मलहम के रूप में लगाए जाने वाले एंटीबायोटिक

ट्रैकोमा के उपचार में मुंह से एंटीबायोटिक लेना शामिल है (जैसे कि, एज़िथ्रोमाइसिन, डॉक्सीसाइक्लीन, या टेट्रासाइक्लीन)। वैकल्पिक रूप से, टेट्रासाइक्लीन या एरिथ्रोमाइसिन को मलहम के रूप में लगाया जा सकता है। जहाँ कई लोगों को ट्रैकोमा होता है वहाँ डॉक्टर अक्सर समूचे मोहल्ले को एंटीबायोटिक देते हैं। यदि इस रोग के कारण पलक, कंजंक्टाइवा, या कोर्निया क्षतिग्रस्त होती है, तो सर्जरी की जरूरत हो सकती है।

ट्रैकोमा की रोकथाम

क्योंकि ट्रैकोमा संक्रामक होता है, इसलिए पुनः संक्रमण आम तौर से होता है। पीने के लिए उपयुक्त पानी (पेय जल) की उपलब्धि पुनः संक्रमण को कम कर सकती है। हाथों और चेहरे को नियमित रूप से धोने से प्रसार की रोकथाम हो सकती है। तौलिये, कपड़े, बिस्तर, और आँखों के मेकअप को साझा करने से बचना चाहिए। क्योंकि मक्खियाँ रोग को लोगों के बीच स्थानांतरित कर सकती हैं, इसलिए मक्खियों के प्रजनन के स्थानों को खत्म करना चाहिए।

अधिक जानकारी

निम्नलिखित अंग्रेजी-भाषा संसाधन उपयोगी हो सकते हैं। कृपया ध्यान दें कि इस संसाधन की विषयवस्तु के लिए मैन्युअल ज़िम्मेदार नहीं है।

  1. Centers for Disease Control and Prevention, Hygiene-related Diseases: बुनियादी बातों से लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन की इसका उन्मूलन करने की योजनाओं तक हर चीज पर ट्रैकोमा से संबंधित जानकारी। अधिक संसाधनों के लिए लिंक भी प्रदान किए गए हैं।