विटामिन E ज़्यादा होना

(विटामिन E टॉक्सिसिटी/विषाक्तता)

इनके द्वाराLarry E. Johnson, MD, PhD, University of Arkansas for Medical Sciences
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया नव॰ २०२२

विटामिन E टॉक्सिसिटी/विषाक्तता दुर्लभ है, लेकिन कभी-कभी ज़्यादा खुराक लेने से रक्तस्राव होने के अलावा मांसपेशियों में कमज़ोरी, थकान, जी मिचलाने और दस्त का खतरा होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

  • विटामिन E टॉक्सिसिटी/विषाक्तता का सबसे बड़ा जोखिम रक्तस्राव है।

  • इसका निदान रोगी व्यक्ति के लक्षणों के आधार पर किया जाता है।

  • विटामिन E सप्लीमेंट्स लेना बंद करने और विटामिन K लेने से, अगर आवश्यक हो, लक्षण मिट जाते हैं।

विटामिन E (टोकोफेरोल) एक एंटीऑक्सीडेंट है: यह फ़्री रेडिकल से कोशिकाओं को नुकसान होने से बचाता है, फ़्री रेडिकल कोशिका की सामान्य गतिविधि से बनने वाले बाय-प्रोडक्ट हैं और ये कोशिकाओं के अंदर केमिकल रिएक्शन करते हैं। इनमें से कुछ प्रतिक्रियाएं हानिकारक हो सकती हैं। (विटामिन्स का अवलोकन भी देखें।)

कई लोग कुछ विकारों को रोकने में मदद करने के लिए विटामिन E सप्लीमेंट्स लेते हैं। विटामिन E सप्लीमेंट्स हृदय और रक्त वाहिका के विकारों से बचाव नहीं करते हैं। इस बात का कोई ठोस सबूत नहीं है कि विटामिन E, उच्च खुराक में भी, अल्जाइमर रोग के बढ़ने की रफ्तार को कम कर देते हैं। क्या विटामिन E सप्लीमेंट्स टार्डिव डिस्काइनेसिया (मुंह, जीभ, हाथ या पैर का बार-बार हिलने-डुलना — एंटीसाइकॉटिक दवाओं का एक दुष्प्रभाव) से बचाते हैं और क्या वे प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम को बढ़ाते या घटाते हैं, यह विवादास्पद विषय है।

विटामिन A, डी और K की तरह ही विटामिन E भी फैट में घुलनशील विटामिन है, जो फैट में घुल जाता है और थोड़े फैट के साथ खाने पर सबसे अच्छी तरह से अवशोषित होता है। विटामिन E के अच्छे स्रोत हैं वनस्पति तेल, मेवे, बीज, हरी पत्तेदार सब्जियां और वीट जर्म।

विटामिन E ज़्यादा होने के लक्षण

कई वयस्क बिना किसी पता लगने वाले नुकसान के महीनों से लेकर वर्षों तक ज़्यादा विटामिन E लेते हैं। हालांकि, विटामिन E की ज़्यादा खुराक से रक्तस्राव का खतरा बढ़ सकता है, खासकर उन वयस्कों के लिए जो कोई ऐंटीकोएग्युलेंट (विशेषकर वारफेरिन) भी ले रहे हैं, जिससे रक्त के थक्के बनने की संभावना कम हो जाती है। कभी-कभी, बहुत ज़्यादा खुराक लेने वाले वयस्कों को मांसपेशियों में कमज़ोरी, थकान, जी मिचलाने और दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

विटामिन E ज़्यादा होने का निदान

विटामिन E टॉक्सिसिटी/विषाक्तता का निदान रोगी व्यक्ति द्वारा पहले से अब तक विटामिन E सप्लीमेंट्स और लक्षणों का उपयोग करने की जानकारी के आधार पर किया जाता है।

विटामिन E ज़्यादा होने का इलाज

विटामिन E टॉक्सिसिटी/विषाक्तता के इलाज में विटामिन E सप्लीमेंट्स को लेने से रोकना शामिल है। ज़रूरत पड़ने पर विटामिन K, जोकि रक्त के थक्के बनने में मदद करता है, रक्तस्राव को रोकने के लिए दिया जाता है।

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