परसिस्टेंट ट्रंकस आर्टिरियोसस

इनके द्वाराLee B. Beerman, MD, Children's Hospital of Pittsburgh of the University of Pittsburgh School of Medicine
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया अप्रैल २०२३

परसिस्टेंट ट्रंकस आर्टेरियोसस एक जन्मजात खराबी है जिसमें दिल से अलग-अलग पल्मोनरी धमनी और एओर्टा की जगह एक, बड़ी रक्त वाहिका निकलती है। पल्मोनरी धमनी ट्रंकस से सीधे निकलती है और वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफ़ेक्‍ट हमेशा मौजूद होता है। बिना ऑक्सीजन वाला रक्त दिल के दाईं ओर से और ऑक्सीजन वाला रक्त दिल के बाईं ओर से दोनों इस एक बड़ी वाहिका (ट्रंकस आर्टेरियोसस) में घुसते हैं और ऑक्सीजन वाला और बिना ऑक्सीजन वाले रक्त का मिश्रण तब शरीर और फेफड़ों में बहता है।

  • इसके लक्षणों में त्वचा का नीला पड़ना (सायनोसिस) और हार्ट फ़ेल होने के लक्षण, जैसे सांस चढ़ना, अच्छे से स्तनपान न करना, पसीना आना और तेज़ी से सांस लेना शामिल हैं।

  • इसका निदान ईकोकार्डियोग्राफ़ी से किया जाता है।

  • हार्ट फ़ेल के लिए मेडिकल उपचार आमतौर पर प्रारंभिक सर्जरी के ठीक हो जाने के बाद होता है।

(दिल की समस्याओं का विवरण भी देखें।)

जब भ्रूण में दिल और रक्त वाहिकाएं विकसित हो जाती हैं, तो सबसे पहले दिल से निकलने वाली केवल एक बड़ी ट्यूब होती है, जिसे ट्रंकस कहा जाता है। आमतौर पर, ट्रंकस दो रक्त वाहिकाओं में बंटी होती है, पल्मोनरी धमनी और एओर्टा (यह भी देखें भ्रूण में सामान्य परिसंचरण)। कभी-कभी ट्रंकस बटता नहीं है। अलग-अलग एओर्टिक और पल्मोनिक वाल्व के बजाय एक वाल्व, ट्रंकल वाल्व होता है, जो इस एक धमनी में जाता है। एक धमनी दिल से निकलती है, जिससे पल्मोनरी धमनियां निकलती हैं। एक वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफ़ेक्ट ज़रूर मौजूद होता है, जिससे दाएं और बाएं दोनों वेंट्रिकल से ट्रंकल वाल्व में ब्लड पंप होता है।

दिल की जन्मजात बीमारियों में 1 से 2% दृढ़ ट्रंकस आर्टिरियोसस होता है। अन्य असामान्यताएं परसिस्‍टेंट ट्रंकस आर्टेरियोसस से जुड़ी हो सकती हैं।

परसिस्टेंट ट्रंकस आर्टिरियोसस

दृढ़ ट्रंकस आर्टिरियोसस तब होता है, जब भ्रूण के विकास के दौरान, विकासशील ट्रंकस पल्मोनरी धमनी और एओर्टा में विभाजित नहीं होता है, जिसकी वजह से एक बड़ी, दिल से एक रक्त वाहिका निकलती है। इसकी वजह से, जिस ब्लड में ऑक्सीजन होती है (ऑक्सीजेनेटेड ब्लड) और बिना ऑक्सीजन वाला ब्लड (डिऑक्सीजेनेटेड ब्लड) आपस में मिल जाते हैं और शरीर और फेफड़ों में चले जाते हैं।

दृढ़ ट्रंकस आर्टिरियोसस के लक्षण

जन्म के शुरुआती कुछ हफ़्तों में, परसिस्टेंट ट्रंकस आर्टेरियोसस वाले शिशुओं को हल्का सायनोसिस (त्वचा का रंग नीला पड़ना) और हार्ट फ़ेल होने के लक्षण और संकेत (चित्र देखें हार्ट फ़ेल्योर: पंपिंग और फ़िलिंग संबंधी समस्‍याएं) होते हैं, जिनमें सांस चढ़ना, तेज़ी से सांस लेना, अच्छे से स्तनपान न करना और पसीना आना शामिल हैं।

दृढ़ ट्रंकस आर्टिरियोसस का निदान

  • इकोकार्डियोग्राफी

  • कभी-कभी कार्डिएक कैथीटेराइजेशन, कार्डिक मैग्नेटिक रीसोनेंस इमेजिंग (MRI) या कंप्यूटेड टोमोग्राफ़ी (CT) एंजियोग्राफ़ी

डॉक्टर के द्वारा नवजात बच्चे की जांच में मिले संकेतों के आधार पर निदान का अंदाज़ा लगाया जाता है, जिसमें दिल में सरसराहट और तेज आवाज़ (तेज धड़कन) शामिल है। दिल की आवाज़ दिल के संकुचित या लीक वाल्व या दिल की असामान्य सरंचनाओं में बहुत तेज़ ब्लड फ़्लो की वजह से आती है।

छाती के एक्स-रे और ECG के नतीजे के आधार पर, आमतौर पर निदान के लिए आगे के सुराग मिलते हैं, यह तब किए जाते हैं जब डॉक्टर को दिल के डिफ़ेक्ट का शक होता है। ईकोकार्डियोग्राफ़ी (दिल की अल्ट्रासोनोग्राफ़ी) से निदान की पुष्टि हो जाती है।

कार्डिएक कैथीटेराइजेशन, MRI या CT का इस्तेमाल कभी-कभी किया जाता है, ताकि सर्जरी से पहले दिल की अन्य समस्या का पता लगाया जा सके।

दृढ़ ट्रंकस आर्टिरियोसस का इलाज

  • सर्जिकल मरम्मत

  • सर्जरी से पहले हार्ट फ़ेल्योर के इलाज के लिए दवाई

हार्ट फ़ेल होने का इलाज दवाओं के साथ इसलिए किया जाता है, ताकि सर्जरी होने तक शिशु के सांस लेने में सुधार हो और उसकी हालत स्थिर रहे।

सर्जरी आमतौर पर तब की जाती है जब शिशु की उम्र 1 से 2 महीने होती है। सर्जरी में वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफ़ेक्ट को ठीक करने के लिए पैच लगाया जाता है, जो सारा रक्त प्रवाह बाएं वेंट्रिकल से ट्रंकल वाल्व में कर देता है। इसके बाद डॉक्टर ट्रंकस को पल्मोनरी धमनियों से अलग करते हैं और उन्हें एक ट्यूब (कॉन्डुइट) की मदद से दाएं वेंट्रिकल से जोड़ते हैं। इसे ठीक करने के बाद, ट्रंकस एओर्टा की तरह काम करने लगता है।

जब शैश्वावस्था की शुरुआत में कंडुइट को रखा जाता है, तब इसका बच्चों की उम्र बढ़ने के साथ इसका आकार असामान्य हो जाता है और फिर कंडुइट का आकार बढ़ाने के लिए सर्जरी करनी पड़ती है।

सर्जरी से ठीक करने के बाद, प्रभावित बच्चों को डेंटिस्ट के पास जाने और कई तरह की सर्जरी (जैसे कि श्वसन तंत्र से जुड़ी) से पहले एंटीबायोटिक्स लेनी पड़ती हैं। इन एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल एन्डोकार्डाइटिस जैसे इंफ़ेक्शन को ठीक करने के लिए किया जाता है।

अधिक जानकारी

निम्नलिखित अंग्रेजी भाषा के संसाधन उपयोगी हो सकते हैं। कृपया ध्यान दें कि इन संसाधनों की सामग्री के लिए मैन्युअल ज़िम्मेदार नहीं है।

  1. American Heart Association: Common Heart Defects: माता-पिता और देखभाल करने वालों के लिए दिल से जुड़े सामान्य जन्मजात समस्याओं का विवरण देता है

  2. American Heart Association: Infective Endocarditis: इंफ़ेक्टिव एन्डोकार्डाइटिस का विवरण देता है, जिसमें बच्चों और देखभाल करने वालों के लिए एंटीबायोटिक के इस्तेमाल का सार होता है

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