उच्च कोलेस्ट्रॉल

इनके द्वाराThe Manual's Editorial Staff
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया फ़र॰ २०२३

कॉलेस्टेरॉल क्या होता है?

कॉलेस्टेरॉल एक प्रकार की वसा है। वसा को लिपिड भी कहते हैं।

आपका शरीर कॉलेस्टेरॉल का इस्तेमाल कोशिकाओं के महत्वपूर्ण हिस्सों और पाचक जूसों के निर्माण के लिए करता है। आपके शरीर को कॉलेस्टेरॉल की ज़रूरत होती है। लेकिन आपके रक्त में काफ़ी ज़्यादा कॉलेस्टेरॉल (हाई कॉलेस्टेरॉल) लंबे समय तक रहने तक स्वास्थ्य की समस्याएं हो सकती हैं।

  • हाई कॉलेस्टेरॉल होने से धमनियों में अवरोध हो सकता है

  • धमनियों के अवरोध से हार्ट अटैक, आघात और आपके पैरों में खराब रक्तसंचार (पेरिफ़ेरल ऑरटीरियल डिसीज़) हो सकता है

  • आप हाई कॉलेस्टेरॉल का इलाज ज़्यादा व्यायाम करके, खान-पान में बदलाव करके और दवाएँ लेकर कर सकते हैं

कॉलेस्टेरॉल कहां से आता है?

आपके शरीर में कॉलेस्टेरॉल दो जगहों से आता है:

  • कुछ कॉलेट्रॉल खास तरह के भोजन करने से आता है

  • कुछ कॉलेस्टेरॉल आपके शरीर में दूसरे तत्वों से बनते हैं

कॉलेस्टेरॉल कितने प्रकार के होते हैं?

कॉलेस्टेरॉल कई प्रकार के होते हैं। दो मुख्य तरह के कॉलेस्टेरॉल को कहते हैं:

  • LDL कॉलेस्टेरॉल (खराब कॉलेस्टेरॉल)

  • HDL कॉलेस्टेरॉल (अच्छा कॉलेस्टेरॉल)

आपके रक्तप्रवाह में कई तरह के कॉलेस्टेरॉल की मात्रा कुल कॉलेस्टेरॉल होती है।

क्या हाई कॉलेस्टेरॉल खराब होता है?

उच्च स्तर के LDL कॉलेस्टेरॉल के ज़्यादा समय तक रहने पर धमनियां कठोर हो जाती हैं (एथेरोस्क्लेरोसिस)। आपकी धमनियां कॉलेस्टेरॉल, वसा और दूसरे तत्वों के मिश्रण से अवरुद्ध हो जाती हैं। अवरुद्ध धमनियों के कारण आपके रक्त को प्रवाहित होने में समस्या आती है। कभी-कभी अवरुद्ध क्षेत्रों में रक्त के थक्के जम जाते हैं और रक्त का प्रवाह पूरी तरह से रुक जाता है। आपके हृदय में रक्त का प्रवाह रुक जाने से हार्ट अटैक होता है। जब आपके दिमाग में रक्त संचरण (बहाव) रुक जाता है, तो आघात लगता है।

उच्च स्तर के HDL कॉलेस्टेरॉल के होने से आपको एथेरोस्क्लेरोसिस होने की संभावना कम हो जाती है। इसीलिए HDL को अच्छा कॉलेस्टेरॉल कहा जाता है।

हाई कॉलेस्टेरॉल क्यों होता है?

कुछ लोगों के शरीर में काफ़ी ज़्यादा कॉलेस्टेरॉल बनता है भले ही वह कुछ भी खाते हों। बहुत ज़्यादा कॉलेस्टेरॉल की समस्या पीढ़ी दर पीढ़ी चलती है।

हाई कॉलेस्टेरॉल इन कारणों से भी हो सकता है:

  • ज़्यादा वसा और कॉलेस्टेरॉल वाले बहुत ज़्यादा भोजन करने से

  • डायबिटीज होता है

  • सक्रिय न होने के कारण

  • बहुत ज्यादा शराब पीना

  • कुछ दवाएं लेने से

हाई कॉलेस्टेरॉल होने का संबंध आपके मोटा होने से नहीं है।

हाई कॉलेस्टेरॉल के लक्षण क्या हैं?

आम तौर पर हाई कॉलेस्टेरॉल के लक्षण नहीं दिखते। फ़िलहाल बहुत खराब मामलों में आपको:

  • ज़्यादा वसा के कारण आपकी त्वचा पर छोटी पीली गांठें हो सकती हैं (ज़ैंथोमस)

डॉक्टर कैसे बता सकते हैं कि मुझे हाई कॉलेस्टेरॉल है या नहीं?

एक साधारण ब्लड टेस्ट से आपके डॉक्टर बता सकते हैं कि आपको हाई कॉलेस्टेरॉल है। डॉक्टर कॉलेस्टेरॉल की जांच के लिए इन्हें कहते हैं:

  • 9 और 11 वर्ष की उम्र वाले बच्चों को (पहले अगर उनको हाई कॉलेस्टेरॉल का खतरा हो जैसे डायबिटीज)

  • 20 वर्ष वाले वयस्क

वयस्कों को हर 4 से 6 वर्ष पर कॉलेस्टेरॉल की जांच करानी चाहिए।

डॉक्टर लोग किस तरह से हाई कॉलेस्टेरॉल का इलाज करते हैं?

हाई कॉलेस्टेरॉल का इलाज ऐसे संभव है:

  • कम वसा (खासकर सेचुरेटेड फैट) और कॉलेस्टेरॉल वाले भोजन करना

  • कम से कम 30 मिनट प्रतिदिन सप्ताह में 5 बार व्यायाम करना (उदाहरण के लिए, तेज़ चलना)

  • अगर आप धूम्रपान करते हैं, तो बंद कर दें

  • कॉलेस्टेरॉल को कम करने वाली दवाई लें

वे भोजन जिनमें सैचुरेटेड फ़ैट और कॉलेस्टेरॉल कम होता है:

  • फल और सब्जियां (चाहे वह ताज़ा हों, फ़्रोज़न, डिब्बाबंद हों या सूखे फल हों)

  • कम वसा वाले मांस, जैसे मछली, बिना त्वचा वाले चिकन और टर्की और कम वसा वाले बीफ़, लैंब, पॉर्क और वील

  • पूरे अनाज़ वाले ब्रेड और अनाज, जैसे ओटमील, ब्रान, राई और मल्टीग्रेन

  • कम वसा वाले डेयरी उत्पाद जैसे स्किम या 1% दूध, गैर वसा या कम वसा वाला दही और कम वसा वाला पनीर

  • अनसैचुरेटेड वनस्पति तेल, जैसे कैनोला, ऑलिव, कार्न, सैफ़्लोर, तिल, सोयाबीन और सूरजमुखी का तेल

जिन खाद्यान्नों में ज़्यादा सैचुरेटेड वसा और कॉलेस्टेरॉल होता है:

  • मक्खन, क्रीम या सैचुरेटेड वसा और तेल

  • सॉसेज, कोल्ड कट्स, हॉट डाग, आर्गेन मीट, स्पेयररिब्स, अंडे की ज़र्दी, और वसा वाले बीफ़, लैंब और पोर्क

  • दुकान से खरीदे गए बेकिंग के सामान जैसे कचौड़ी, केक, डोनट्स और ज़्यादा वसा वाली कूकीज़ और क्रेकर

  • ज़्यादा वसा वाले डेयरी उत्पाद जैसे मलाईदार दूध, क्रीम, मलाईदार दूध वाला दही, पनीर, मक्खन और आइसक्रीम

  • ऐसे तेल जिनमें हाई सैचुरेटेड वसा होती है जैसे नारियल तेल, पॉम ऑयल, चर्बी और बेकन फ़ैट