कैल्शियम शरीर के इलेक्ट्रोलाइट्स में से एक है, जो कि ऐसे मिनरल होते हैं जिनसे शरीर के फ़्लूड, जैसे की ब्लड में मिलाए जाने पर इलेक्ट्रिक चार्ज पैदा होता हैं, लेकिन शरीर का ज़्यादातर कैल्शियम चार्ज नहीं होता। (इलेक्ट्रोलाइट्स का विवरण भी देखें।)
शरीर का 99% कैल्शियम हड्डियों में जमा होता है, लेकिन सेल (खासतौर पर मांसपेशियों के सेल) और ब्लड में भी कैल्शियम होता है। इन चीज़ों के लिए कैल्शियम की ज़रूरत होती है:
हड्डी और दांतों के बनने के लिए
मांसपेशी में संकुचन
कई एंज़ाइम के ठीक तरीके से काम करने के लिए
खून का जमना
हृदय की धड़कन की सामान्य गति
हमारा शरीर कोशिका और ब्लड में कैल्शियम की मात्रा को सटीक तरीके से बनाए रखता है। हमारा शरीर कैल्शियम को हड्डियों से निकालकर ब्लड में भेजता है, ताकि शरीर में कैल्शियम के स्तर ठीक बनाए रखा जा सके। अगर व्यक्ति कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा नहीं लेता, तो बहुत सारा कैल्शियम हड्डियों से ले लिया जाता है, जिससे वे कमज़ोर हो जाती हैं। हड्डियों के घनत्व में कमी को ऑस्टियोपोरोसिस कहते हैं जिसकी वजह से हड्डी फ्रैक्चर हो सकती है। हड्डियों में कमज़ोरी आए बिना रक्त में कैल्शियम का लेवल बना रहे, इसके लिए व्यक्ति को हर दिन 1,000 से 1,300 मिलीग्राम कैल्शियम लेने की ज़रूरत होती है। कैल्शियम को अवशोषित करने में मदद के लिए विटामिन D की भी आवश्यकता होती है। वयस्कों को एक दिन में 600 यूनिट विटामिन D (या बड़े वयस्कों में 800 यूनिट) का सेवन करना चाहिए।
ब्लड में कैल्शियम का लेवल मुख्य तौर पर दो हार्मोन नियंत्रित करते हैं:
पैराथायरॉइड हार्मोन
कैल्सिटोनिन
पैराथायरॉइड हार्मोन, चार पैराथायरॉइड ग्रंथियां बनाती हैं, जो कि गर्दन में थायरॉइड ग्रंथियों के आसपास स्थित होती हैं। जब ब्लड में कैल्शियम का लेवल कम होता है, तब पैराथायरॉइड ग्रंथियां ज़्यादा पैराथायरॉइड हार्मोन पैदा करती हैं। जब ब्लड में कैल्शियम का लेवल बढ़ता है, तब पैराथायरॉइड ग्रंथियां कम पैराथायरॉइड हार्मोन पैदा करती हैं। पैराथायरॉइड हार्मोन ये काम करता है:
हड्डियों को रक्त में कैल्शियम छोड़ने के लिए स्टिम्युलेट करता है
किडनी से यूरिन के ज़रिए निकलने वाले कैल्शियम की मात्रा को कम करना
पाचन तंत्र से ज़्यादा मात्रा में कैल्शियम अवशोषित करने को उत्तेजित करना
किडनी में विटामिन D को सक्रिय करना, जिससे पाचन तंत्र ज़्यादा कैल्शियम अवशोषित कर पाता है
कैल्सिटोनिन का उत्पादन थायरॉइड ग्रंथि की कुछ कोशिकाओं द्वारा होता है। यह हड्डी के अपघटन को धीमा करके ब्लड में कैल्शियम के लेवल को कम करता है, लेकिन सिर्फ़ थोड़ा-सा।
ब्लड में बहुत कम कैल्शियम होने को हाइपोकैल्सीमिया कहते हैं। ब्लड में बहुत ज़्यादा कैल्शियम होने को हाइपरकैल्सिमिया कहते हैं।
अधिक जानकारी
निम्नलिखित अंग्रेज़ी-भाषा के संसाधन हैं जो उपयोगी हो सकते हैं। इस संसाधन की सामग्री के लिए मैन्युअल ज़िम्मेदार नहीं है।
नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हैल्थ ऑफ़िस ऑफ़ डाइटरी सप्लीमेंट: उपभोक्ताओं के लिए कैल्शियम फ़ैक्ट शीट: शरीर में इसकी भूमिका और हर दिन के पोषण की जरूरतों सहित कैल्शियम का एक सामान्य विवरण देता है
नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हैल्थ ऑफ़िस ऑफ़ डाइटरी सप्लीमेंट: उपभोक्ताओं के लिए विटामिन D फ़ैक्ट शीट: शरीर में इसकी भूमिका और हर दिन के पोषण की जरूरतों सहित विटामिन D का एक सामान्य विवरण देता है