हॉजकिन लिम्फ़ोमा

    लिम्फ़ैटिक सिस्टम, शरीर के सुरक्षा तंत्र का एक हिस्सा होता है। पूरे शरीर की लसीका ग्रंथियां आपस में लसीका वाहिकाओं के एक तंत्र से जुड़ी होती हैं। लसीका एक तरल पदार्थ होता है जो लिम्फ़ैटिक तंत्र के अंदर पाया जाता है, इसमें संक्रमण से लड़ने वाली श्वेत रक्त कोशिकाएं होती हैं, जिन्हें लिम्फ़ोसाइट्स कहा जाता है। ग्रंथियों में, बैक्टीरिया और अन्य पदार्थों को लसीका से फ़िल्टर किया जाता है, इससे पहले कि फ़्लूड रक्तप्रवाह में वापस आ जाए। एक प्रकार की श्वेत रक्त कोशिका को B लिम्फ़ोसाइट या B कोशिका कहा जाता है। B कोशिकाएं, संक्रमण से लड़ने के लिए एंटीबॉडीज़ बनाने और खतरनाक एंटीजन फिर से दिखाई देने पर उन्हें याद रखने का काम करती हैं। हॉजकिंस डिज़ीज़ या हॉजकिंस लिम्फ़ोमा एक प्रकार का कैंसर होता है, जो लसीका के ऊतक में विकसित होता है। हॉजकिंस डिज़ीज़ की कैंसर कोशिकाओं को रीड-स्टर्नबर्ग कोशिकाएं कहते हैं। ऐसा माना जाता है कि रीड-स्टर्नबर्ग कोशिकाएं, एक प्रकार की कैंसरयुक्त B कोशिका होती है। कैंसरयुक्त B कोशिकाएं विभाजित होकर बढ़ने लगती हैं, वे एक ट्यूमर बनाती हैं। इस तरह का कैंसर शरीर की संक्रमणों से लड़ने की क्षमता में व्यवधान उत्पन्न करता है। हॉजकिंस लिम्फ़ोमा के लक्षण इस प्रकार हैं - लसीका ग्रंथियों में सूजन, बुखार, रात में पसीना आना, ऊर्जा की कमी और बिना कारण के वज़न कम होना। लिम्फ़ोमा की शुरुआती अवस्था और हॉजकिंस लिम्फ़ोमा की मध्यम अवस्था वाले 75% से अधिक मरीज़ों को कीमोथेरेपी और/या रेडिएशन थेरेपी से ठीक किया जा सकता है।