मायरिंगोटॉमी: बार-बार होने वाले कान के संक्रमणों का उपचार करना
मायरिंगोटॉमी: बार-बार होने वाले कान के संक्रमणों का उपचार करना
मायरिंगोटॉमी: बार-बार होने वाले कान के संक्रमणों का उपचार करना

मायरिंगोटॉमी के दौरान, डॉक्टर ईयरड्रम में एक छोटी ओपनिंग कर देते हैं ताकि द्रव मध्य कान से बह कर बाहर निकल जाए। फिर वे इस छोटी, खाली प्लास्टिक या मेटल ट्यूब को ओपनिंग के माध्यम से कान में लगा देते हैं (टिम्पेनोस्टॉमी)। ये ट्यूब पर्यावरण में व्याप्त दबाव को मध्य कान के दबाव के साथ संतुलित कर देती हैं। ऐसे कुछ बच्चों के लिए डॉक्टर वेंटिलेटिंग ट्यूब का सुझाव देते हैं, जिनको बार-बार कान का संक्रमण होता है (एक्यूट ओटिटिस मीडिया) या बार-बार अथवा लगातार उनके मध्य कान में फ़्लूड एकत्रित हो जाता है (क्रोनिक सेरस ओटिटिस मीडिया)।

वेंटिलेटिंग ट्यूब को लगाया जाना एक सामान्य सर्जिकल प्रक्रिया है जिसे अस्पताल या डॉक्टर के कार्यालय में किया जाता है। आमतौर पर सामान्य एनेस्थीसिया या सेडेशन की आवश्यकता पड़ती है। प्रक्रिया के बाद, बच्चे आमतौर पर कुछ ही घंटों में घर चले जाते हैं। प्रक्रिया के बाद, लगभग एक हफ्ते तक एंटीबायोटिक ईयर ड्राप्स दिए जाते हैं। आमतौर पर 6 से 12 महीनों के बाद ट्यूब अपने आप बाहर आ जाती हैं, लेकिन कुछ प्रकार की ट्यूब लंबे समय तक बनी रहती हैं। ऐसी ट्यूब जो अपने आप बाहर नहीं आती हैं, उनको डॉक्टर द्वारा हटाया जाता है, कभी-कभी ऐसा सामान्य एनेस्थीसिया या सेडेशन में किया जाता है। यदि ओपनिंग अपने आप बंद नहीं होती है, तो इसे सर्जरी कर के बंद करने की ज़रूरत पड़ सकती है।

वेंटिलेटिंग ट्यूब वाले बच्चे अपने बालों को धो सकते हैं अथवा तैराकी कर सकते हैं, लेकिन कुछ डॉक्टर यह सिफारिश करते हैं कि बच्चों को ईयरप्लग्स का इस्तेमाल किए बिना गहरे पानी में अपने सिर को डुबाना नहीं चाहिए।

कान में से द्रव का ड्रेनेज संक्रमण को सूचित करता है और डॉक्टर को सूचित किया जाना चाहिए।