सीखने संबंधी विकार क्या होते हैं?
सीखने संबंधी विकार किसी जानकारी को प्राप्त करने, याद रखने या उपयोग करने में मस्तिष्क की अक्षमता है। इन समस्याओं के कारण स्कूल में ध्यान केंद्रित करना और अच्छा प्रदर्शन करना मुश्किल हो जाता है।
सीखने संबंधी विकार से पीड़ित बच्चों में प्रायः सामान्य या उच्च बुद्धिमत्ता होती है, लेकिन उन्हें कोई विशिष्ट मानसिक कौशल, जैसे कि पढ़ना या गणित की समस्याएँ हल करने में समस्या होती है
सीखने संबंधी विकार और बौद्धिक अक्षमता (जब बच्चे सामान्य से कम बुद्धिमत्ता के साथ पैदा होते हैं जिसके कारण मानसिक कौशल से जुड़ी सभी समस्याएँ देखी जाती हैं) अलग-अलग समस्याएँ हैं
डॉक्टर कई तरह के परीक्षण करा सकते हैं ताकि यह पता चल सके कि आपके बच्चे में सीखने संबंधी विकार है या नहीं
स्कूल के कुछ कार्यक्रमों से उन विषयों में मदद मिल सकती है जिनमें आपके बच्चे को परेशानी होती है
बच्चों में सीखने संबंधी विकार इसलिए नहीं होते क्योंकि वे आलसी हैं या गलत व्यवहार करते हैं। इसका कारण यह है कि उनके मस्तिष्क में कुछ चीज़ें ठीक से विकसित नहीं हुई हैं। डॉक्टरों को इसके होने की वजह निश्चित रूप से नहीं पता होती, लेकिन सीखने संबंधी विकारों की संभावना तब अधिक होती है जब:
गर्भावस्था के दौरान माँ बीमार रही हो या कुछ अवैध दवाएँ ली हों
गर्भावस्था के दौरान माँ या बच्चे को चिकित्सीय जटिलताएँ हुई हों
बच्चे को कम उम्र में ही कोई गंभीर बीमारी (जैसे कि कैंसर) हो गई हो
सीखने संबंधी सामान्य विकार निम्नलिखित हैं:
पढ़ने संबंधी विकार, जैसे कि डिस्लेक्सिया
लिखने संबंधी विकार
गणित संबंधी विकार
अपनी उम्र और क्षमता के अनुसार उपयुक्त रूप से नहीं सीख पा रहे बच्चों का सीखने संबंधी विकारों के लिए परीक्षण किया जाना चाहिए।
सीखने संबंधी विकार के लक्षण क्या होते हैं?
सीखने संबंधी विकार से ग्रस्त छोटे बच्चों को निम्न चीज़ें सीखने में सामान्य से अधिक समय लग सकता है:
रंगों, अक्षरों या वस्तुओं के नाम
गिनती सीखना
पढ़ना और लिखना सीखना
बच्चों में यह भी हो सकते हैं:
किसी चीज़ में कम समय तक ध्यान केंद्रित कर पाना
ध्यान देने में परेशानी
स्पीच या भाषा संबंधी समस्याएँ
दिशाओं को समझने में परेशानी
हाल ही में हुई घटनाओं को याद करने में परेशानी
हाथ और उंगली के इस्तेमाल में परेशानी, जैसे कि प्रिंट और कॉपी करना
सीखने संबंधी विकार से पीड़ित कुछ बच्चे स्कूल में कुंठित हो जाते हैं। कुंठा की वजह से व्यवहार संबंधी समस्याएँ पैदा हो सकती हैं, जैसे कि हाइपरएक्टिव, शर्मीला या आक्रामक होना।
डिस्लेक्सिया, जो कि पढ़ने से संबंधित एक तरह का विकार है, से पीड़ित बच्चों में निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं:
बोलने तथा अक्षरों एवं चित्रों को नाम देना शुरू करने में मंद गति
शब्दों के लिए ध्वनियाँ बनाने या ध्वनियों को सही क्रम में रखने में समस्या
समूह में एक शब्द को या एक शब्द के भाग को देखने में परेशानी
ज़ोर से पढ़ने में धीमा
सामान्य की तुलना में वर्तनी और लेखन की अधिक त्रुटियाँ, जैसे शब्दों में अक्षरों को उलटना
डॉक्टर कैसे बता सकते हैं कि मेरे बच्चे को सीखने संबंधी विकार है या नहीं?
डॉक्टर यह सुनिश्चित करने के लिए आपके बच्चे की सुनने और देखने की क्षमता का परीक्षण करेंगे कि कहीं इनके कारण आपके बच्चे में सीखने संबंधी समस्याएँ तो नहीं हैं (सुनने और नज़र की समस्याएँ सीखने संबंधी विकार नहीं हैं)।
निश्चित रूप से जानने के लिए, वे आपके बच्चे को एक शिक्षण विशेषज्ञ के पास भेजेंगे (प्रायः बच्चे के स्कूल में)। विशेषज्ञ द्वारा कई तरह के बुद्धिमत्ता परीक्षण किए जाएँगे और वह आपके बच्चे से पढ़ने, लिखने तथा गणित के प्रश्न पूछेगा।
सीखने संबंधी विकार का उपचार कैसे किया जाता है?
सीखने संबंधी विकारों का उपचार उन शैक्षिक कार्यक्रमों के माध्यम से किया जाता है जिनसे सीखने संबंधी विकार से पीड़ित बच्चों को मदद मिलती है। उदाहरण के लिए, डिस्लेक्सिया का उपचार उन कार्यक्रमों के जरिए किया जाता है जो बच्चों की ध्वनियों पर ध्यान देकर शब्दों की पहचान करना सिखाते हैं। इन कार्यक्रमों में ऑडियो पुस्तकों, कंप्यूटर स्क्रीन रीडर और दूसरे टूल्स का भी इस्तेमाल किया जाता हैं।
सीखने की अक्षमता के विकार वाले कुछ बच्चों में ADHD (अटेंशन डेफ़िसिट/हाइपरएक्टिव डिस्ऑर्डर) भी हो सकता है। ADHD के लिए डॉक्टरों द्वारा लिखी जाने वाली दवाओं से बच्चों को ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है, जिससे वे बेहतर ढंग से सीखने में समर्थ हो सकते हैं।
संयुक्त राज्य अमेरिका में, फ़ेडरल इंडिविज़ुअल्स विद डिज़ेबिलिटीज़ एजुकेशन एक्ट (IDEA) के अनुसार पब्लिक स्कूलों के लिए आवश्यक है कि वे सीखने संबंधी विकारों से पीड़ित बच्चों का परीक्षण करें। स्कूलों के लिए यह भी आवश्यक है कि वे सीखने संबंधी विकारों से पीड़ित बच्चों को निःशुल्क और उपयुक्त शिक्षा प्रदान करें।