नार्कोलेप्सी

इनके द्वाराThe Manual's Editorial Staff
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया अप्रैल २०२४

नार्कोलेप्सी क्या है?

नार्कोलेप्सी एक ऐसा बीमारी है जिसमें आपको दिन में बार-बार नींद आ जाती हैं या बहुत ज़्यादा सोते हैं। नींद के साथ-साथ आपको अचानक मांसपेशियों में कमजोरी भी हो सकती है।

  • नार्कोलेप्सी आपके स्वास्थ्य को प्रभावित नहीं करता है, लेकिन यह आपके लिए स्कूल या दफ़्तर में समस्याएं पैदा कर सकता है

  • कार दुर्घटना या दूसरे तरह की दुर्घटना होने की बहुत ज़्यादा संभावना होती है

  • हो सकता है कि आपमें प्रेरणा खत्म हो जाए, ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत पेश आए या आप डिप्रेशन में चले जाएं

  • स्लीप लैब में किए गए खास तरह के स्लीप टेस्ट से डॉक्टर नार्कोलेप्सी का टेस्ट करते हैं

  • दवाएँ आपको जागते रहने और अन्य लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं

नार्कोलेप्सी के क्या कारण होते हैं?

नार्कोलेप्सी वाले लोगों में नींद का सामान्य पैटर्न नहीं होता है। नार्कोलेप्सी से पीड़ित लोगों में नींद का सामान्य पैटर्न नहीं होता है।

डॉक्टर सुनिश्चित नहीं हैं कि नार्कोलेप्सी का क्या कारण है। डॉक्टरों को ठीक से नहीं कि नार्कोलेप्सी किस का कारण होता है। हो सकता है कि कुछ लोगों के मस्तिष्क में रासायनिक असंतुलन हों।

नार्कोलेप्सी के क्या-क्या लक्षण होते हैं?

लक्षण आमतौर पर तब शुरू होते हैं, जब आप किशोरावस्था या युवा वयस्क होते हैं। उनमें ये शामिल हो सकते हैं:

  • दिन में बहुत नींद आना

  • अचानक, बिना किसी इरादे के सो जाना (नींद का दौरा)

  • मीटिंग के दौरान, गाड़ी चलाते हुए या खाना खाने के दौरान सो जाना

  • लंगड़ापन या अचानक मांसपेशियों की कमजोरी, अक्सर अचानक गुस्सा, हैरानी या हंसी महसूस करने जैसे जज्बात के कारण ऐसा होता है

  • सोए हुए या जगने पर हिलने-डुलने में असमर्थता (स्लीप पैरालिसिस)

  • दुःस्वप्न

  • सोते समय या जागने पर ऐसी चीज़ें देखना या सुनना जो वहां नहीं हैं

डॉक्टर कैसे बता सकते हैं कि मुझे नार्कोलेप्सी है या नहीं?

हो सकता है कि डॉक्टर आपसे आपकी उनींदापन के बारे में कोई प्रश्नावली भरने को कहें। हो सकता है कि आपसे नींद की डायरी रखने को कहा जाए। नींद की डायरी में आप दर्ज़ करते हैं कि आप कब और कितनी देर सोए। अगर डॉक्टर पक्के तौर पर नहीं जानते हैं कि समस्या क्या है या यह कितनी गंभीर है, तो हो सकता है कि वे आपको किसी नींद से जुड़े विशेषज्ञ के पास भेज दें। विशेषज्ञ निम्न चीज़ें कर सकते हैं:

  • नींद संबंधी टेस्ट

नींद संबंधी टेस्ट क्या होता है?

चूंकि आप डॉक्टर को यह नहीं बता सकते हैं कि जब आप सो रहे होते हैं, तो क्या हो रहा है, इसलिए डॉक्टरों के पास ऐसे उपकरण होते हैं जो सोते समय आपकी निगरानी कर सकते हैं। नींद संबंधी टेस्ट में किए जा सकते हैं:

  • घर में अपने बिस्तर पर

  • अस्पताल या डॉक्टर के ऑफ़िस में स्लीप लैब में

घर पर होने वाले टेस्ट के लिए, आप अपनी नाक के नीचे, अपनी छाती के चारों ओर और अपनी उंगली पर सेंसर लगा कर सोने जाते हैं। सेंसर से जुड़ा एक छोटा-सा यंत्र आपकी सांस लेने की गति और ऑक्सीजन के स्तर को रिकॉर्ड करता है। सेंसर यह जानकारी नींद के डॉक्टर को भेजता है।

स्लीप लैब में टेस्ट के लिए, आप रात भर लैब में सोएंगे। यह टेस्ट ज़्यादा सेंसर का इस्तेमाल करता है। मिसाल के तौर पर, सेंसर आपके मस्तिष्क की तरंगों और आँखों की मांसपेशियों की गति की निगरानी करते हैं। इसके अलावा, एक नींद का तकनीशियन एक वीडियो कैमरा का इस्तेमाल करके, आपको सोते हुए देखता है जो आपकी सभी हरकतें और सांसों को रिकॉर्ड करता है। लोगों को चिंता होती है कि इतने सारे सेंसर पहनकर वे लैब में सो नहीं पाएँगे। हालांकि, ज़्यादातर लोग घर जितना ही बुरी तरह से सोते हैं।

डॉक्टर, नार्कोलेप्सी का इलाज कैसे करते हैं?

नार्कोलेप्सी कभी ठीक नहीं होता है, लेकिन इलाज से बहुत सारे लोग सामान्य जीवन बीताते हैं। डॉक्टर आपसे यह करवाएंगे:

  • रात को पर्याप्त नींद लेना

  • अल्कोहल सेवन, स्मोकिंग और कुछ ऐसी दवाओं से बचना, जो नींद में खलल पैदा करती हैं

  • हर रोज एक ही समय पर थोड़ी देर (30 मिनट से कम) के लिए झपकी ले लें

  • आपको जगाए रखने वाली दवाएँ लें