स्कैबीज़ का संक्रमण

इनके द्वाराJames G. H. Dinulos, MD, Geisel School of Medicine at Dartmouth
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया अक्तू॰ २०२३

स्कैबीज़ त्वचा का एक परजीवी संक्रमण है जो कुटकी (अन्य नाम किलनी) नामक छोटे जीवों से होता है।

  • स्कैबीज़ आम तौर पर, शारीरिक संपर्क से एक से दूसरे व्यक्ति तक फैलता है।

  • स्कैबीज़ ग्रस्त लोगों को तेज़ खुजली होती है, हालांकि शरीर पर कुटकियों की संख्या आम तौर पर बहुत कम होती है।

  • डॉक्टर खुजली के स्थानों की जांच करने के बाद, कभी-कभी त्वचा की खुरचनों को माइक्रोस्कोप के नीचे देखकर, स्कैबीज़ का निदान करते हैं।

  • स्कैबीज़ के इलाज में त्वचा पर परमेथ्रिन या स्पिनोसैड लगाना और मुँह से आइवरमेक्टिन लेना शामिल है।

परजीवी ऐसे जीव होते हैं जो किसी अन्य जीव (पोषक) पर या उसके अंदर रहते हैं और जीवित रहने हेतु पोषण पाने के लिए पोषक पर निर्भर होते हैं। स्कैबीज़ पैदा करने वाली कुटकियाँ परजीवी होती हैं, क्योंकि वे व्यक्ति का रक्त पीकर जीती हैं।

स्कैबीज़ सरकॉप्टीज़ स्केबी नाम की कुटकी से होता है। इसके संक्रमण पूरी दुनिया में होते हैं। मादा कुटकी त्वचा की सबसे ऊपरी परत को काटती है, उसमें सुरंगें खोदती है और इन सूराख वाली जगह में अपने अंडे देती है। इसके बाद, कुछ दिनों में अंडों से नन्ही कुटकियाँ (लार्वा) निकल आती हैं। इस संक्रमण से बहुत तेज़ खुजली होती है, जो शायद कुटकियों पर एलर्जिक प्रतिक्रिया के कारण होती है। (कुटकी का काटना भी देखें।)

संक्रमण शारीरिक संपर्क द्वारा आसानी से एक से दूसरे व्यक्ति तक फैल जाता है, जो अक्सर पूरे परिवार को चपेट में ले लेता है। मानवों पर जीने वाली कुटकियाँ निर्जीव संक्रामक वस्तुओं जैसे तौलियों, बिछौनों और कपड़ों पर जीवित रह सकती हैं, जहाँ से वे लोगों को संक्रमित कर सकती हैं। हालांकि, मानव शरीर से दूर हो जाने पर कुटकियाँ अधिक नहीं जीती। पशुओं पर जीने वाली कुटकियाँ मनुष्यों तक पहुँच सकती हैं और खुजली कर सकती हैं, लेकिन वे अधिक नहीं जीती या उनके उपचार की ज़रूरत नहीं पड़ती। स्कैबीज़ का कारण बनने वाली कुटकियाँ आम तौर पर, सामान्य धुलाई (मशीन से गर्म पानी में धुलाई और उसके बाद गर्म ड्रायर या इस्तरी से सुखाना) से या ड्राई क्लीनिंग से नष्ट हो जाती हैं। भीड़-भाड़ वाली स्थितियाँ (जैसे स्कूल, आश्रय स्थल, बैरक, और कुछ घर) इसके मुख्य जोखिम कारक हैं। स्कैबीज़ ख़राब साफ़-सफ़ाई से संबंधित नहीं है।

स्कैबीज़ से होने वाले संक्रमण के लक्षण

स्कैबीज़ की मुख्य पहचान तेज़ खुजली है, जो आम तौर पर रात में और बढ़ जाती है। कुटकियों के रहने की जगह अक्सर ½ इंच (लगभग 1 सेंटीमीटर) लंबी और बेहद महीन रेखाओं के रूप में दिखाई देती हैं और कभी-कभी उनके एक सिरे पर एक छोटा सा उभार होता है। अक्सर, खुजलीदार जगह को खुजाने से त्वचा में जीवाणु संक्रमण हो जाता है (जिसे द्वितीयक संक्रमण कहा जाता है)। कभी-कभी, केवल छोटे उभार दिखते हैं, जो खुजली के कारण खुजाने से खुल जाते हैं।

ये उभार शरीर पर कहीं भी हो सकते हैं, स्तनों और शिश्न पर भी। वयस्कों में ये उभार चेहरे पर नहीं दिखाई देते। ये उभार सबसे पहले अंगुलियों के बीच के स्थानों, कलाइयों, कुहनियों के अंदरूनी भाग, बेल्ट बाँधने की लाइन के सहारे-सहारे या कूल्हों पर दिखते हैं। समय के साथ, इन सूराख वाली जगहों को देखना कठिन हो जाता है, क्योंकि खुजाने से हुआ शोथ उन्हें ढक देता है। गर्म जलवायु में रहने वाले लोगों में कुछ सूराख के साथ छोटे-छोटे लाल उभार हो जाते हैं।

काले रंग की त्वचा वाले लोगों में स्कैबीज़ के कारण ठोस और उभरे हुए चकत्ते बन सकते हैं। नवजात शिशुओं में, हथेलियाँ, तलवे, चेहरा और सिर की त्वचा, विशेष रूप से कानों के पीछे की त्वचा प्रभावित हो सकती है। वृद्ध लोगों को स्कैबीज़ से बहुत तेज़ खुजली हो सकती है, लेकिन त्वचा पर बहुत हल्के लक्षण हो सकते हैं, जिससे डॉक्टरों के लिए इसका पता लगाना मुश्किल हो जाता है।

स्कैबीज़ के चित्र
अंगुलियों पर स्कैबीज़
अंगुलियों पर स्कैबीज़

    इस फोटो में अंगुलियों के बीच के स्थान पर स्कैबीज़ के उभार देखे जा सकते हैं।

चित्र, रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों की पब्लिक हेल्थ इमेज लाइब्रेरी के सौजन्य से।

स्कैबीज़
स्कैबीज़

    इस फोटो में बच्चे की बाँह के अगले भाग पर, हथेली पर और कलाई की सिलवटों पर खरोंच और छोटे-छोटे लाल उभारों के गुच्छे हैं। ये चिह्न अधिकतर स्कैबीज़ में देखने को मिलते हैं। कलाई की सिलवटों में और अन्य स्थानों पर ½-इंच-लंबे क्रस्ट वाले उभार परजीवी के रहने की जगह हैं।

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फोटो करेन मैककोय, MD के सौजन्य से।

नवजात शिशु में स्कैबीज़ (इन्फ़ेंटाइल स्कैबीज़)
नवजात शिशु में स्कैबीज़ (इन्फ़ेंटाइल स्कैबीज़)

    इस फोटो में एक नवजात शिशु के तलवों पर, स्कैबीज़ के उठे हुए स्थान देखे जा सकते हैं।

© स्प्रिंगर सायन्स + बिज़नेस मीडिया

गंभीर संक्रमण (जिसे क्रस्टेड स्कैबीज़ या नॉर्वेजियन स्कैबीज़ कहते हैं) से ग्रस्त होने के जोखिम वाले लोगों में शामिल हैं

  • वे लोग जिनका प्रतिरक्षा तंत्र (ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस [HIV] के संक्रमण, खून के कैंसर या कॉर्टिकोस्टेरॉइड दवाओं या प्रतिरक्षा तंत्र को कमज़ोर बनाने वाली दवाओं के क्रोनिक उपयोग के कारण) कमज़ोर है

  • जो गंभीर शारीरिक अक्षमताओं या बौद्धिक अक्षमताओं से ग्रस्त हैं

  • ऑस्ट्रेलियाई आदिवासी

गंभीर संक्रमणों से त्वचा के बड़े-बड़े स्थान मोटे और क्रस्टेड हो सकते हैं (विशेष रूप से, वयस्कों में हथेलियों और तलवों पर और बच्चों में सिर की त्वचा पर) जिनमें खुजली नहीं होती।

क्रस्टेड स्कैबीज़ (नॉर्वेजियन स्कैबीज़)
विवरण छुपाओ
इस फोटो में ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस (HIV) संक्रमण से ग्रस्त एक व्यक्ति में क्रस्टेड स्कैबीज़ देखा जा सकता है।
© स्प्रिंगर सायन्स + बिज़नेस मीडिया

स्कैबीज़ इनकॉग्निटो स्कैबीज़ का एक अलग रूप है, जो लंबे समय तक टॉपिकल कॉर्टिकोस्टेरॉइड दवाओं का उपयोग करने वाले लोगों में होता है। इसकी पहचान कभी-कभी कठिन होती है क्योंकि यह स्कैबीज़ के आम रूपों से अलग दिखता है और कुटकियों को ढूँढना बहुत कठिन हो सकता है।

स्कैबीज़ से हुए संक्रमण का निदान

  • एक डॉक्टर का मूल्यांकन

  • रहने की जगह पर खुरचने

आम तौर पर, खुजली और उभारों व रहने की जगह की दिखावट ही स्कैबीज़ के निदान के लिए काफ़ी होते हैं। कभी-कभी डॉक्टर त्वचा को बड़ा करके देखने और छिद्रों को ठीक से देखने के लिए लैंस का उपयोग करते हैं। हालांकि, डॉक्टर अक्सर उभारों या सूराखों वाली जगह से खुरचन लेकर उसे माइक्रोस्कोप के नीचे देखकर कुटकियों, अंडों या कुटकियों के मल की उपस्थिति की पुष्टि करते हैं।

स्कैबीज़ से हुए संक्रमण का उपचार

  • परमेथ्रिन वाली या स्कैबीज़ को खत्म करने वाली अन्य कोई क्रीम

  • कभी-कभी आइवरमेक्टिन

बड़े बच्चों और वयस्कों के मामले में, गर्दन के नीचे से शुरू करके पूरे शरीर पर परमेथ्रिन वाली या स्कैबीज़ को खत्म करने वाली अन्य कोई क्रीम (स्कैबीज़ के जूँ को मारने वाली दवाई) लगाकर और 8 से 14 घंटे बाद उसे धोकर स्कैबीज़ को ठीक किया जा सकता है। यह उपचार एक सप्ताह बाद दोहराया जाता है।

नवजात शिशुओं और छोटे बच्चों के मामले में, आंखों और मुंह के आस-पास की त्वचा को बचाते हुए सिर व गर्दन पर, और पूरे शरीर पर परमेथ्रिन लगाई जाती है। त्वचा की तहों, हाथों के नाखूनों, पैरों के नाखूनों, और नाभि का अच्छी तरह उपचार करना चाहिए। नवजात शिशुओं के मुंह में परमेथ्रिन को जाने से रोकने के लिए उन्हें दस्ताने पहनाए जा सकते हैं। इसके अतिरिक्त नवजात शिशुओं के मामले में, पेट्रोलेटम में सल्फ़र के फ़ॉर्म्युला वाला ऑइंटमेंट भी रात में लगाया जा सकता है और सुबह धोया जा सकता है। विषैले दुष्प्रभावों के कारण लिंडेन का उपयोग करने की सलाह अब नहीं दी जाती है।

वयस्कों और 4 वर्ष व इससे बड़े बच्चों के मामले में, गर्दन से शुरू करते हुए नीचे पंजों के तलवों तक सारी त्वचा पर स्पिनोसैड सस्पेंशन (लिक्विड) लगाया जाता है। गंजे लोगों के मामले में, लोशन को सिर की त्वचा, माथे, हेयरलाइन, और कनपटियों पर भी लगाना चाहिए। इसे 10 मिनट तक सूखने देने के बाद साज-सँवार करनी चाहिए व कपड़े पहनने चाहिए और फिर 6 घंटों तक त्वचा पर लगे रहने देने के बाद शॉवर लेना या नहाना चाहिए। यह उपचार 1 सप्ताह में दोहराना चाहिए। आंखों को इसके संपर्क से बचाना चाहिए।

ऐसे लोगों के लिए, एक सप्ताह के अंतराल पर मुँह से आइवरमेक्टिन की 2 खुराक लेना भी प्रभावी होता है, जिन्हें सीधे त्वचा पर लगाई जाने वाली दवाओं से लाभ नहीं मिला हो या जो ऐसी दवाएँ नहीं लगा सकते और यह इलाज कमज़ोर प्रतिरक्षा तंत्र वाले लोगों में गंभीर संक्रमण के मामले में भी काफ़ी सहायक होता है।

कुटकियों को मार डालने वाले सफल उपचार के बाद भी, कुटकियों के शरीर कुछ समय तक त्वचा में बने रह सकते हैं और उन पर एलर्जिक प्रतिक्रिया जारी रहने के कारण 3 सप्ताह तक खुजली और उभार बने रह सकते हैं। खुजली का इलाज हल्के कॉर्टिकोस्टेरॉइड क्रीम, मुंह से ली जाने वाली एंटीहिस्टामाइन, या दोनों से किया जा सकता है। कभी-कभी त्वचा की खुजली व जलन और गहरी खरोंचों के कारण जीवाणु संक्रमण हो जाता है, जिसके लिए मुंह से ली जाने वाली एंटीबायोटिक्स की ज़रूरत पड़ सकती है।

स्कैबीज़ ग्रस्त व्यक्ति के परिजनों और उसके निकट शारीरिक संपर्क, जैसे यौन संपर्क में आने वाले लोगों का भी उपचार किया जाना चाहिए। उपचार से पहले के कुछ दिनों के दौरान प्रयोग हुए कपड़ों, तौलियों, और बिछौनों को गर्म पानी में धोना, गर्म ड्रायर में सुखाना, ड्राई क्लीन करना या कम-से-कम 3 दिनों तक किसी बंद प्लास्टिक बैग में रखना चाहिए।