हैपेटाइटिस E

इनके द्वाराSonal Kumar, MD, MPH, Weill Cornell Medical College
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया अग॰ २०२२ | संशोधित सित॰ २०२२

हैपेटाइटिस E में लिवर में सूजन आ जाती है जो हैपेटाइटिस E वायरस के कारण होती है।

  • हैपेटाइटिस से संक्रमित व्यक्ति के मल से दूषित किसी पदार्थ का सेवन करने पर, हैपेटाइटिस E होने की संभावना होती है।

  • हैपेटाइटिस E में वायरल हैपेटाइटिस जैसे लक्षण विकसित हो जाते हैं जैसे, भूख न लगना, बीमारी होने का एहसास होना और पीलिया।

  • डॉक्टर रक्त परीक्षण की मदद से हैपेटाइटिस E का निदान करते हैं।

  • एक्यूट हैपेटाइटिस E के लिए कोई खास इलाज उपलब्ध नहीं है, लेकिन इसके ज़्यादातर मरीज़ पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं।

(हैपेटाइटिस का विवरण, एक्यूट वायरल हैपेटाइटिस का विवरण और क्रोनिक हैपेटाइटिस का विवरण भी देखें।)

हैपेटाइटिस E आमतौर पर क्रोनिक नहीं होता है, लेकिन कमजोर प्रतिरक्षा तंत्र वाले लोगों में यह क्रोनिक हो सकता है, जैसे HIV संक्रमित लोग या वे लोग जो प्रतिरक्षा लक्षणों को दबाने के लिए दवाएँ ले रहे हैं, जैसे कि कैंसर कीमोथेरेपी की दवाएँ।

हैपेटाइटिस E का संचरण

हैपेटाइटिस E मुख्य रूप से तब फैलता है जब किसी संक्रमित व्यक्ति के मल से दूषित किसी चीज़ का सेवन किसी अन्य व्यक्ति द्वारा कर लिया जाता है (जिसे फ़ीकल-ओरल रूट कहा जाता है)।

हैपेटाइटिस E से कभी-कभी महामारी भी हो जाती है, जो अक्सर मल से दूषित पानी का इस्तेमाल करने से होती है। इस प्रकार की महामारी केवल चीन, भारत, मेक्सिको, पेरू, रूस, पाकिस्तान और मध्य और उत्तरी अफ़्रीका में हुई है, न कि संयुक्त राज्य अमेरिका या पश्चिमी यूरोप में। स्वच्छता के असरदार और नियमित साधन अपनाने वाले देशों में, यह ज़्यादातर उन यात्रियों की वजह से फैलता है जो ऐसे देशों से वापस लौटते हैं जहां स्वच्छता के कोई इंतज़ाम नहीं होते और साफ़ और सुरक्षित पानी नहीं मिलता है।

हैपेटाइटिस E के लक्षण

हैपेटाइटिस E से संक्रमित लोगों में एक्यूट हैपेटाइटिस जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। इन लक्षणों में शामिल हैं

  • भूख नहीं लगना

  • बीमारी का सामान्य एहसास (मेलेइस)

  • जी मचलाना और उल्टी आना

  • बुखार

  • पेट दर्द

  • पीलिया (त्वचा का पीला पड़ना और आंखों का सफ़ेद होना)

इसमें मरीज़ को पीलिया हो जाता है क्योंकि लिवर खराब होने की वजह यह सामान्य रूप से बिलीरुबिन को रक्त से बाहर नहीं निकाल पाता है। इस तरह बिलीरुबिन रक्त में इकट्ठा होने लगता है और त्वचा में जमा हो जाता है, जिससे खुजली होती है। बिलीरुबिन पीले रंग का एक वर्णक होता है जो लाल रक्त कोशिकाओं के सामान्य तरीके से टूटने के दौरान अपशिष्ट उत्पाद के रूप में उत्पन्न होता है।

हालांकि, कभी-कभी हैपेटाइटिस E के गंभीर लक्षण भी देखने को मिलते हैं, खासकर गर्भवती महिलाओं में। गर्भवती महिलाओं में, गंभीर हैपेटाइटिस के साथ लिवर खराब होने (फुलमिनेंट हैपेटाइटिस) का जोखिम होता है, इससे जान जाने का खतरा भी बढ़ जाता है।

हैपेटाइटिस E का निदान

  • रक्त की जाँच

पीलिया जैसे विशिष्ट लक्षणों के आधार पर डॉक्टरों को हैपेटाइटिस होने का संदेह होता है।

हैपेटाइटिस की जांच के लिए, आमतौर पर सबसे पहले रक्त परीक्षण करवाए जाते हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि लिवर ठीक से काम कर रहा है या नहीं और कहीं इसमें कोई खराबी तो नहीं है (लिवर परीक्षण)। लिवर के परीक्षणों में लिवर एंज़ाइम और लिवर द्वारा बनाए जाने वाले अन्य पदार्थों के स्तर को मापना भी शामिल है। इन टेस्ट से यह जानने में मदद मिलती है कि लिवर को कितना नुकसान हुआ है।

यदि जांच में हैपेटाइटिस होने का पता चलता है, तो डॉक्टर हैपेटाइटिस वायरस की जांच के लिए अन्य रक्त परीक्षण करते हैं। ये रक्त परीक्षण विशिष्ट वायरस (एंटीजन) के भागों, वायरस से लड़ने के लिए शरीर द्वारा निर्मित विशिष्ट एंटीबॉडीज, और कभी-कभी वायरस के आनुवंशिक सामग्री (RNA या DNA) की पहचान कर सकते हैं।

हैपेटाइटिस E के लिए डॉक्टर नियमित रूप से मरीज़ की जांच नहीं करते। हालांकि, उपलब्ध होने पर एक और जांच करवाकर यह पता लगाने की कोशिश की जाती है कि हैपेटाइटिस E वायरस से लड़ने के लिए व्यक्ति की प्रतिरक्षा तंत्र ने एंटीबॉडीज बनाई है या नहीं, यह जांच तब करवाई जाती है जब:

  • टेस्ट में हैपेटाइटिस A, B, या C होने का पता नहीं चलता, लेकिन व्यक्ति में वायरल हैपेटाइटिस के सामान्य लक्षण दिखते हैं।

  • व्यक्ति ने हाल ही में ऐसे किसी क्षेत्र की यात्रा की हो जहां हैपेटाइटिस E एक आम बीमारी है।

हैपेटाइटिस E की रोकथाम

अच्छी स्वच्छता और व्यक्तिगत स्वच्छता से हैपेटाइटिस E को रोकने में मदद मिलती है। यदि व्यक्ति किसी ऐसे देश की यात्रा के लिए जा रहा हो जहां साफ़-सफ़ाई के अच्छे इंतज़ाम नहीं हैं तो उसे अस्वच्छ पानी नहीं पीना चाहिए, इससे संक्रमण के जोखिम को कम किया जा सकता है। पानी को उबालने और क्लोरीन डालने से हैपेटाइटिस E वायरस निष्क्रिय हो जाता है।

इससे बचाव के लिए एक नया टीका उपलब्ध है लेकिन यह संयुक्त राज्य अमेरिका में नहीं है। यह चीन में उपलब्ध है, जहां लोगों में हैपेटाइटिस E होना बहुत आम है।

हैपेटाइटिस E का इलाज

  • सामान्य उपाय

  • क्रोनिक हैपेटाइटिस E का इलाज संभवतः रिबैविरिन से किया जाता है

हैपेटाइटिस E से संक्रमित लोगों को अल्कोहल का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह लिवर को और ज़्यादा नुकसान पहुंचा सकता है। किसी खाद्य पदार्थ से परहेज या किसी गतिविधि को सीमित करने की कोई आवश्यकता नहीं होती है।

एक्यूट हैपेटाइटिस E के लिए कोई विशिष्ट उपचार उपलब्ध नहीं है।

यदि खुजली होती है, तो मुंह के रास्ते ली जाने वाली कोलेस्टाइरामीन खुजली से राहत दिला सकती है।

मरीज़ को 12 सप्ताह तक रिबैविरिन (एक एंटीवायरल दवा) दी जाती है, यह क्रोनिक हैपेटाइटिस E के इलाज में असरदार साबित हो सकती है, लेकिन इसके लिए अभी और अध्ययन की आवश्यकता है।

पीलिया ठीक होने के बाद, ज़्यादातर लोग सुरक्षित रूप से काम पर लौट सकते हैं।